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नांदेड़ के अस्पताल में मौतों पर मुख्यमंत्री शिंदे बोले- दवाई और कर्मचारियों की कोई कमी नहीं

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि उनकी सरकार ने नांदेड़ के एक अस्पताल में हुई मौतों को...
नांदेड़ के अस्पताल में मौतों पर मुख्यमंत्री शिंदे बोले- दवाई और कर्मचारियों की कोई कमी नहीं

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि उनकी सरकार ने नांदेड़ के एक अस्पताल में हुई मौतों को बहुत गंभीरता से लिया है और विस्तृत जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने इस बात से इनकार किया कि दवाइयों और कर्मचारियों की कोई कमी है।

मध्य महाराष्ट्र के नांदेड़ में डॉ. शंकरराव चव्हाण सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 30 सितंबर से 48 घंटों में 31 मौतें दर्ज की गईं हैं। साप्ताहिक कैबिनेट बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए शिंदे ने कहा कि अस्पताल में पर्याप्त दवाएं और कर्मचारी उपलब्ध हैं।

उन्होंने बताया कि मृतकों में से कई हृदय रोग से पीड़ित बुजुर्ग, कम वजन वाले शिशु या दुर्घटना के शिकार लोग थे।

मुख्यमंत्री ने कहा, “ मौतें दुर्भाग्यपूर्ण हैं। हमने घटना को बहुत गंभीरता से लिया है। जांच के आदेश दे दिए गए हैं और उचित कार्रवाई की जाएगी।”

बिहार में जाति आधारित गणना और महाराष्ट्र में भी ऐसा ही सर्वेक्षण कराने की मांग को लेकर पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा, “बिहार में हुए सर्वेक्षण के नतीजे देखेंगे और जरूरत पड़ी, तो यहां भी सर्वेक्षण कराया जायेगा।”

उन्होंने एक सवाल पर कहा कि उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने बीमार होने की वजह से बैठक में हिस्सा नहीं लिया। शिंदे ने कहा, “इसका कोई और निष्कर्ष नहीं निकालिएगा।”

शिंदे ने कहा कि कैबिनेट ने राज्य में फसल की स्थिति की समीक्षा की और जहां भारी बारिश से फसलों को नुकसान हुआ है, वहां अधिकारियों को युद्धस्तर पर पंचनामा ( मौके के निरीक्षण की रिपोर्ट) पूरा करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि दिवाली के लिए, जन वितरण प्रणाली की दुकानों के माध्यम से उपलब्ध कराए जाने वाले ‘आनंद शिद्ध’ (आवश्यक खाद्य पदार्थों) में मैदा और पोहा के साथ-साथ चीनी, रवा, दाल और खाद्य तेल शामिल होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि खाद्य सामान उन 14 इलाकों में 25 अक्टूबर से 30 नवंबर के बीच 100 रुपये में उपलब्ध होंगे, जहां से किसानों की आत्महत्या के अधिक मामले आते हैं। उन्होंने कहा कि कैबिनेट ने योजना के लिए 530 करोड़ रुपये के आवंटन को मंजूरी दे दी है।

हर साल अल्पसंख्यक समुदायों के 27 विद्यार्थियों को विदेश में पढ़ने के लिए छात्रवृत्ति प्रदान करने का फैसला भी कैबिनेट बैठक में लिया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ये छात्रवृत्तियां क्यूएस विश्व रैंकिंग में पहले 200 में शामिल विदेशी विश्वविद्यालयों में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, फार्माकोलॉजी, जीवन विज्ञान, ‘लिबरल आर्ट्स’, मानविकी, कृषि, कानून और वाणिज्य के क्षेत्रों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों और पीएचडी के लिए दी जाएगी।

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