पश्चिमी यूपी के दौरे पर गए एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने योगी सरकार की तरफ से प्रस्तावित जनसंख्या नियंत्रण पॉलिसी को केन्द्र सरकार के खिलाफ बताया है। उन्होंने कहा कि कुल प्रजनन दर (टीएफआर) में गिरावट के कारण, देश में दो-बाल नीति नहीं हो सकती है। दूसरी ओर, योगी सरकार इसका विरोध कर रही है।
ओवैसी ने कहा कि हमारा मानना है यै कि पीएफआर रेट अगर 2000 की पॉपुलेशन पॉलिसी को देखेंगे तो बिना किसी पॉलिसी के 3.2 से घटकर 2018 में 2.2 पर आ गया, ये कैसे आया। उन्होंने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार सुप्रीम कोर्ट में दिए अपने हलफनामे में यह बता चुकी है कि अंतरराष्ट्रीय अनुभव यह बताता है कि इससे जनसांख्यिकीय विकृति पैदा हो जाएगी। ऐसे में कैसे योगी सरकार खुद मोदी सरकार के खिलाफ जाएगी।
उन्होंने कहा कि आर्टिकल 21 के पूरी तरह से यह खिलाफ है। यूपी का जनसंख्या नियंत्रण प्रस्ताव सुप्रीम के संवैधानिक बैंच के फैसले के खिलाफ है।
उन्होंने कहा कि अगर यह पॉलिसी लाई जाती है तो इससे महिलाओं का बड़ा नुकसान होगा क्योंकि बच्चे पैदा न करने पर महिलाओं का गर्भपात कराना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि यूपी की सरकार जनसंख्या पॉलिसी के पर लॉ कमीशन ने अपना एक पेपर दिया है और राय मांगी है। हमारी पार्टी की तरफ से भी उस राय को लिखकर लॉ कमीशन और यूपी सरकार में भिजवाएंगे।
बता दें कि यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण कानून पर फॉर्मूला तैयार कर लिया है। इसके तहत जिनके पास दो से अधिक बच्चे होंगे, वे न तो सरकारी नौकरी के लिए योग्य होंगे और न ही कभी चुनाव लड़ पाएंगे। राज्य विधि आयोग ने सिफारिश की है कि एक बच्चे की नीति अपनाने वाले माता पिता को कई तरह की सुविधाएं दी जाएं। यूपी जनसंख्या (नियंत्रण, स्थिरीकरण व कल्याण) विधेयक-2021 का ड्राफ्ट तैयार कर विधि आयोग ने अपनी वेबसाइट http://upslc.upsdc.gov.in/ पर अपलोड कर दिया है। इस पर आम जनता से 19 जुलाई तक राय मांगी गई है।