मध्य प्रदेश की चुनावी राजनीति में अब असदुद्दीन ओवैसी की भी एंट्री हो सकती है। इससे कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ सकती है। प्रदेश में होने वाले नगरीय निकाय चुनावों में ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम भी अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रही है। इसके लिए पार्टी मुस्लिम बहुल इलाकों में सर्वे करा रही है। इसकी जिम्मेदारी ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम के वरिष्ठ पार्षद सैयद मिन्हाजुद्दीन को सौंपी गई है।
प्रदेश इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. नईम अंसारी ने कहा कि पार्टी अगले स्थानीय निकाय चुनावों में संभावनाएं तलाश रही है। खासकर, मुस्लिम बाहुल्य इंदौर, भोपाल, उज्जैन, खंडवा, सागर, बुरहानपुर, खरगोन, रतलाम, जावरा, जबलपुर, बालाघाट और मंदसौर जिलों में प्रारंभिक तौर पर सर्वे के लिए जल्दी ही पार्टी मुख्यालय हैदराबाद से पदाधिकारी आएंगे। यदि रिपोर्ट पार्टी के पक्ष में रही, तो उम्मीदवारों को मैदान में उतारा जाएगा। हालांकि इस पर अंतिम फैसला पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी करेंगे। यदि ओवैसी की पार्टी मप्र में चुनाव मैदान में उतरती है, तो नुकसान कांग्रेस और फायदा बीजेपी को होगा।
मप्र में अब तक हुए निकाय चुनावों में कांग्रेस और बीजेपी ही एक-दूसरे के प्रतिद्वंदी रहे हैं, जबकि बीएसपी, सपा के अलावा अन्य कई राजनीतिक दल स्थानीय निकाय चुनाव में अपना भविष्य तलाश चुके हैं। बता दें कि ओवैसी के अलावा आम आदमी पार्टी की निगाहें भी मध्य प्रदेश की तरफ हैं।