पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान की चाचा पशुपति नाथ के खिलाफ दायर याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में खारिज हो गई। इस पर फशुपति नाथ ने टिप्पणी करते हुए कहा कि मैं कोर्ट के फैसले का सम्मान करता हूं। रामविलास पासवान की संपत्ति पर चिराग पासवान का अधिकार है। वह मेरा भतीजा है, मैं उसे दर्द नहीं दूंगा, लेकिन वह रास्ते से भटक गया है। हर कोई उनके खिलाफ गया है।
उन्होंने कहा कि हिंदू कानून और भारतीय संविधान के अनुसार, चिराग पासवान को दिवंगत रामविलास पासवान की संपत्ति पर अधिकार है। हालांकि, मुझे उनकी राजनीतिक विरासत का आशीर्वाद मिला।
केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार में एलजेपी के सांसद पशुपति पारस को मंत्री बनाए जाने और उससे पहले लोकसभा में एलजेपी संसदीय दल के नेता बनाने के दोहरे झटके से तिलमिलाए चिराग पासवान ने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने कहा, चिराग पासवान की याचिका में कोई आधार नहीं है। दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि मामला लोकसभा स्पीकर के पास पेडिंग है। लिहाजा आदेश देने की कोई जरूरत नहीं है।
एलजेपी में 13 जून की शाम से विवाद शुरू हुआ था। इसके अगले दिन चिराग को छोड़कर बाकी सभी सांसदों ने संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई थी। मीटिंग में हाजीपुर से सांसद पशुपति पारस को संसदीय बोर्ड का नया अध्यक्ष चुना गया था। इसकी सूचना लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिड़ला को दी गई थी। इसके बाद लोकसभा सचिवालय ने पारसको मान्यता दे दी। फिर चिराग ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई और पांचों बागी सांसदों को पार्टी से निकाल दिया।
पशुपति कुमार पारस ने गुरुवार को खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय का कार्यभार संभाल लिया। बिहार के हाजीपुर से सांसद पशुपति कुमार पारस को बुधवार को नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार में बतौर कैबिनेट मंत्री शामिल किया गया था। उन्हें खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गयी है। इससे पहले ये मंत्रालय केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के पास था।