जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया है कि केंद्र शासित प्रदेश में खानाबदोशों को परेशान और विस्थापित किया जा रहा है।
महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को कहा, “खानाबदोश जंगल के जंगल के वास्तविक निवासी रहे हैं और अब भेदभावपूर्ण तरीके से उन्हें बाहर किया जा रहा है।” उन्होंने जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा से मामले में हस्तक्षेप करके यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि खानाबदोशों को जंगलों से बेदखल नहीं किया जाए।
उन्होंने ट्वीट किया, “यह देखकर बहुत दुख हो रहा है कि जम्मू-कश्मीर में खानाबदोशों को परेशान और विस्थापित किया जा रहा है। वे वास्तविक निवासी हैं और अब उन्हें भेदभाव तरीके से बेदखल किया जा रहा है। श्री सिन्हा से आग्रह है कि वे कृपया हस्तक्षेप करें और यह सुनिश्चित करें कि खानाबदोशों को विस्थापित किया जाने वाले कार्य को तुरंत रोका जाये।”
इस बीच मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने भी खानाबदोश समुदाय के वनों से अवैध विस्थापन पर बिना किसी देरी के तत्काल रोक लगाने की मांग की है।
माकपा के जम्मू-कश्मीर सचिव गुलाम नबी मलिक ने बयान जारी करके कहा कि नये भूमि कानूनों की आड़ में अधिकारियों द्वारा गुर्जर और बकरवाल जैसे खानाबदोश समुदाय के लोगों का वनों से अवैध निष्कासन अत्याचारी कदम है और इसे तुरंत रोका जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह विडंबना ही है कि सदियों से जंगलों की रक्षा कर रहे इन खानाबदोशों को अवैध रूप से उनके ही आवास स्थलों से बेदखल किया जा रहा है।