कलकत्ता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा तृणमूल कांग्रेस के निलंबित नेता शाहजहां शेख की हिरासत केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को नहीं सौंपे जाने के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को पश्चिम बंगाल सरकार के खिलाफ अवमानना याचिका दायर करने की बुधवार को अनुमति दी।
ईडी की ओर से पेश डिप्टी सॉलीसिटर जनरल धीरज त्रिवेदी ने अवमानना याचिका दाखिल करने की अनुमति देने का अनुरोध किया और साथ ही मामले पर तत्काल सुनवाई का भी अनुरोध किया। उन्होंने दावा किया कि शेख की सीबीआई हिरासत का वक्त जाया हो रहा है।
उच्च न्यायालय ने मंगलवार को निर्देश दिया था कि संदेशखालि में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों पर हमले की जांच का मामला और टीएमसी के निलंबित नेता शाहजहां शेख की हिरासत सीबीआई को सौंपी जाए। उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश शिवज्ञानम की अगुवाई वाली पीठ ने मंगलवार को ईडी के अधिकारियों पर हमला मामले की जांच सीबीआई को सौंपे जाने का आदेश दिया था।
न्यायमूर्ति हरीश टंडन और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने ईडी को याचिका दायर करने की अनुमति दे दी।
इस बीच पश्चिम बंगाल सरकार ने बुधवार को ईडी अधिकारियों पर हमले की जांच सीबीआई को सौंपने के उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को उच्चतम न्यायालय में तत्काल सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया।
सीबीआई ने मामले की जांच अपने हाथ में लेने के लिए पश्चिम बंगाल पुलिस से संपर्क किया। एजेंसी की एक टीम शेख को हिरासत में लेने के लिए अर्धसैनिक बलों के साथ कोलकाता स्थित सीआईडी कार्यालय भी पहुंची, लेकिन उसे हिरासत नहीं सौंपी गई।
सीआईडी ने कहा कि संदेशखालि के नेता को केंद्रीय एजेंसी को नहीं सौंपा गया, क्योंकि राज्य सरकार ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के एक आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील की है।