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मणिपुर मामले पर पीएम मोदी का बयान, विपक्षी नेताओं ने की संसद में चर्चा की मांग

मणिपुर राज्य में पिछले दो महीने से जारी हिंसा और इंटरनेट पर वायरल हो रही दो महिलाओं को निर्वस्त्र...
मणिपुर मामले पर पीएम मोदी का बयान, विपक्षी नेताओं ने की संसद में चर्चा की मांग

मणिपुर राज्य में पिछले दो महीने से जारी हिंसा और इंटरनेट पर वायरल हो रही दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाए जाने की वीडियो को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने आज अपना बयान दिया। उन्होंने कहा कि वह दुखी हैं और यह एक शर्मनाक घटना है। पीएम मोदी के बयान और मणिपुर के शर्मनाक घटना का वीडियो सामने आने पर कई विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रियाएं भी आई हैं। शशि थरूर सहित कई नेताओं ने पीएम मोदी के बयान पर टिप्पणी की है।

एएनआई से बात करते हुए, कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, "इस बात को लेकर बेहद चिंतित हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इतने लंबे समय तक चुप रहे। हममें से कोई भी इसे समझ नहीं सका। हमें बहुत खुशी है कि उन्होंने अपनी चुप्पी तोड़ी, अब हम चाहेंगे कि वह इस मुद्दे पर संसद में चर्चा करें।"

शशि थरूर ने कहा, "उन्होंने संसद के बाहर बयान दिया, मुझे खुशी है कि उन्होंने आखिर कुछ कहा। अब, उन्हें संसद में आवाज लाने दीजिए। पीएम मोदी को अपनी पीड़ा हम सबके साथ साझा करनी चाहिए। हमें बताएं कि सरकार क्या कर रही है। यह अब तक काम क्यों नहीं कर पाया?"

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे का कहना है, " मणिपुर जल रहा है। महिलाओं के साथ बलात्कार किया जाता है, उन्हें नग्न किया जाता है, परेड करायी जाती है और प्रधानमंत्री चुप रहते हैं और बाहर बयान देते हैं।"

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने ट्वीट किया, "मणिपुर में अनवरत जारी हिंसा व तनाव से पूरा देश चिंतित है तथा महिला के साथ अभद्रता की ताजा घटना खासकर भाजपा व उनकी सरकार को शर्मसार करने वाली है। वैसे तो राज्य में कानून-व्यवस्था काफी पहले से चरमराई हुई है, किन्तु क्या बीजेपी अभी भी ऐसे मुख्यमंत्री को संरक्षण देती रहेगी?"

कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी कहते हैं, ''मुझे यह अजीब लगता है कि पीएम संसद के बाहर कुछ ऐसा बोल रहे हैं जो उन्हें अंदर बोलना चाहिए था। मैं उनसे सदन के अंदर अपनी चुप्पी तोड़ने का आग्रह करता हूं। संसद सबसे बड़ा मंच है। जब हमने उनसे मणिपुर के बारे में पूछा तो वह राजस्थान के बारे में बोल रहे हैं। हर चीज के बारे में बात करें लेकिन शुरुआत मणिपुर से करें।"

बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा, ''मणिपुर से एक शर्मनाक वीडियो आया है। हमने बेंगलुरु मीटिंग में भी मणिपुर का मुद्दा उठाया था। जब राहुल गांधी मणिपुर जा सकते हैं तो पीएम वहां क्यों नहीं जा सकते? पीएम मोदी, केंद्र सरकार इस मुद्दे पर चुप हैं।"

एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ''पीएम को वीडियो पर प्रतिक्रिया देने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि यह अब वायरल हो गया है। वहां नरसंहार हो रहा है। न्याय तभी होगा जब सीएम को हटाया जाएगा और पीएम आदेश देंगे।''

राज्यसभा सांसद जया बच्चन ने कहा, "मुझे बहुत बुरा लगा, मैं पूरा वीडियो नहीं देख सकी। मैं शर्मिंदा थी। किसी को परवाह नहीं है। महिलाओं के साथ बहुत बुरा व्यवहार किया जा रहा है। यह बहुत निराशाजनक है। महिलाओं के साथ हर दिन कुछ न कुछ घटित हो रहा है। यह बहुत दुखद है।"

कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी का कहना है, "मणिपुर - भारत मां का एक हिस्सा जल रहा है। यह कई दिनों से जल रहा है। पीएम चुप हैं...आप उनकी (मणिपुर के लोगों की) आवाज क्यों नहीं सुन सकते? राज्य सरकार क्या कर रही है? क्या यह अचेतन है? केंद्र क्या कर रहा है?"

महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा, "मणिपुर में भाजपा ने मानवता के बजाय निर्दयता उत्पन्न की है और सारा दोष हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का है। हमारे नेता राहुल गांधी मणिपुर गए और उन्होंने वहां की स्थिति को जाना। उन्होंने प्रेम और भाईचारे का संदेश दिया। लेकिन, भाजपा की केंद्र और राज्य में सरकार है। हम पीएम मोदी से इस्तीफा चाहते हैं।"

गौरतलब है कि मणिपुर हिंसा और वायरल वीडियो को लेकर अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने इस मामले पर कहा कि वह गहरी पीड़ा में हैं और यह घटना शर्मनाक है। वीडियो पर पीएम मोदी ने कहा, "मैं दुखी हूं, घटना बेहद शर्मनाक है। किसी भी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा। हम उन्हें नहीं छोड़ेंगे, जो इसके पीछे हैं।"

संसद के मॉनसून सत्र से पहले, पत्रकारों से बात करते हुए, पीएम मोदी ने कहा, "यह शर्मनाक घटना है। यह किसने क्या, कौन ज़िम्मेदार है यह दूसरा मुद्दा है लेकिन इसने हमारे देश को शर्मसार किया है।" उन्होंने अपील करते हुए कहा, "मैं सभी मुख्यमंत्रियों से कानून एवं व्यवस्था को सख्त रखने की अपील करता हूं। चाहें वो राजस्थान, छत्तीसगढ़ हो या मणिपुर...महिलाओं की इज्जत किसी भी राजनीति से ऊपर है।"

राज्यसभा और लोकसभा को कल, 21 जुलाई सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। बता दें कि मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए कई विपक्षी दलों और नेताओं द्वारा नोटिस दिया गया है।

 

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