दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वायुसेना के पठानकोट ठिकाने पर हमले की जांच के लिए पाकिस्तानी संयुक्त जांच टीम (जेआईटी) को आमंत्रित करने का केंद्र का फैसला विदेश नीति में भारी नाकामी थी और भारत माता की पीठ में छुरा घोंपने के समान था। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी ने पिछले साल दिसंबर में अपनी लाहौर यात्रा के दौरान अपने पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ के साथ एक समझौता किया था। उन्होंने देश के हित में उसका ब्यौरा मांगा।
केजरीवाल ने दावा किया कि पीएम ने यह जानने के बाद भी आईएसआई अधिकारियों को बुलाया कि पठानकोट आतंकी हमले के पीछे वही थी। यह क्लीन चिट देने के समान है। अब जबकि जेआईटी ने कथित तौर पर दावा किया है कि भारत ने खुद ही हमला कराया। जिस तरह मोदी जी ने पाकिस्तान के सामने आत्मसमर्पण किया है, किसी प्रधानमंत्री ने नहीं किया। आप नेता ने कहा कि इस प्रकार के आत्मसमर्पण के बाद भारत के लंबे समय से चले आ रहे इस रूख पर कौन विश्वास करेगा कि भारत में आतंकवादी हमलों के पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी है। यह विदेश नीति की भारी नाकामी है।
केजरीवाल ने कहा, लेकिन इस नाकामी की वजह क्या है। देश मोदी जी और शरीफ के बीच हुए समझौते के बारे में जानना चाहता है। देश को बेचा जा रहा है। प्रधानमंत्री को देश के लोगों से माफी मांगनी चाहिए। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने भाजपा और आरएसएस पर ट्वीट के जरिये भी निशाना साधा और पाकिस्तान के सामने भारत को लज्जित करने के लिए मोदी की आलोचना की। उन्होंने ट्वीट किया, भाजपा (आरएसएस) के लोग भारत माता क जय का नारा लगाते हैं लेकिन आईएसआई को भारत बुलाकर भारत माता की पीठ में छुरा घोंपते हैं। पठानकोट वायु सेना स्टेशन पर आतंकवादी हमला एक और दो जनवरी की रात हुआ था और करीब 80 घंटे तक चला था। उस हमले में सात सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे और चार आतंकवादी मारे गए थे।