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सिवनी में बोले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी- हमारे एमपी को विकास की निरंतरता चाहिए

विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्य प्रदेश दौरे पर हैं, जहां उन्होंने सिवनी...
सिवनी में बोले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी- हमारे एमपी को विकास की निरंतरता चाहिए

विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्य प्रदेश दौरे पर हैं, जहां उन्होंने सिवनी में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश के निरंतर विकास चाहिए, मध्य प्रदेश को लगातार सुशासन चाहिए। उन्होंने कहा कि जनता की गारंटी भाजपा को जिताने की है।

पीएम मोदी ने कहा, "महाकौशल ने भाजपा को बार-बार आशीर्वाद दिए हैं। इस बार भी महाकौशल ने भाजपा की महाविजय तय कर दी है। ये नजारा, ये जनता-जर्नादन की गारंटी है, भाजपा को जिताने की। ये विजय की गारंटी है, जनता जनार्दन के आशीर्वाद से निकली हुई गारंटी है।"

पीएम मोदी ने कहा, "विजय क्या होती है, यहां आकर देखिए। 30 साल बाद कोई प्रधानमंत्री यहां आया है और ये सौभाग्य भी मुझे मिला। कोरोना काल से लेकर अब तक हमने 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन की सुविधा दी। एमपी में लगभग 5 करोड़ लोगों के घर में मुफ्त राशन दिया। ये योजना एक महीने बाद दिसंबर में बंद हो रही थी, लेकिन मैं गरीब के दर्द को महसूस करता हूं, इसलिए आपके बेटे ने मन में पक्का कर लिया है, निश्चय है कि आने वाले 5 सालों के लिए मुफ्त राशन देंगे।

उन्होंने कहा, "मध्य प्रदेश एक स्वर से कह रहा है, 'भाजपा है तो भरोसा है, भाजपा है तो विकास है, भाजपा है तो बेहतर भविष्य है।' मध्य प्रदेश से एक ही आवाज सुनाई दे रही है, 'एमपी के मन में बसे मोदी, मोदी के मन में बसे एमपी, इसलिए फिर एक बाद भाजपा सरकार।"

पीएम ने कहा कि क्या हमारे आदिवासी समाज ने भगवान राम को पुरुषोत्तम राम बनाया कि नहीं। कांग्रेस को 5 दशक तक दिल्ली में राज करने के बाद भी आदिवासियों की ओर ध्यान नहीं दिया। अटलजी और भाजपा की सरकार बनने के बाद आदिवासियों के लिए अलग मंत्रालय बनाया गया।

पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा कि मेरे आदिवासी भाई-बहन पहले आपको अंधेरे में रखा। अब ये लोग झूठे वादे कर रहे हैं। ये भाजपा की सरकार है जिसने 15 नवंबर को जनजातिय दिवस घोषित किया। ये भाजपा है जिसने भोपाल के स्टेशन का नाम रानी कमलापति के नाम पर रखा। इंदौर के पास पातालपानी स्टेशन के नाम टंट्या मामा के नाम पर रखा गया। भाजपा ने पिछड़ी जनजातियों की सुध ली, इसमें बैगा और सहरिया जनजातियां शामिल हैं।

 

 

 

 

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