राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद में पत्रकार विक्रम जोशी की हत्या पर सियासी पारा गर्म हो गया है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने ट्वीट करके कहा कि वादा था राम राज का, दे दिया गुंडाराज।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को कहा, 'अपनी भांजी के साथ छेड़छाड़ का विरोध करने पर पत्रकार विक्रम जोशी की हत्या कर दी गई, शोकग्रस्त परिवार को मेरी सांत्वना। वादा था राम राज का, दे दिया गुंडाराज।'
इससे पहले कांग्रेस ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा कि भाजपा ने यूपी के साथ दुश्मनों जैसा व्यवहार किया है। वरना भला अपराध को इस स्तर पर कौन पहुंचने देता है। जो हितैषी होता है, वो तो बिलकुल नहीं। बेटी बचाओ का नारा कहीं पीछे छूट गया; अपराध खत्म करने के दावे धराशायी हो गए। ऐसा यूपी तो नहीं चाहिए था किसी को!
ममता ने साधा योगी सरकार पर निशाना
वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, 'एक निडर पत्रकार विक्रम जोशी के परिवार के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना। अपनी भतीजी से छेड़छाड़ करने वालों पर एफआईआर दर्ज कराने के लिए उन्हें यूपी में गोली मार दी गई थी। देश में भय का माहौल हो गया है। आवाजों को दबाया जा रहा है। मीडिया को नहीं बख्शा जा रहा है।'
मायावती बोलीं- यूपी में क्राइम वायरस हावी
बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने कहा कि पूरे यूपी में हत्या व महिला असुरक्षा सहित जिस तरह से हर प्रकार के गंभीर अपराधों की बाढ़ लगातार जारी है उससे स्पष्ट है कि यूपी में कानून का नहीं बल्कि जंगलराज चल रहा है अर्थात् यूपी में कोरोना वायरस से ज्यादा अपराधियों का क्राइम वायरस हावी है। जनता त्रस्त है, सरकार इस ओर ध्यान दे।
यूपी कांग्रेस ने सीएम योगी का मांगा इस्तीफा
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा, 'गाजियाबाद के पत्रकार विक्रम जोशी नहीं रहे। उनकी गलती यह थी कि उन्होंने अपनी भांजी के खिलाफ हो रहे छेड़खानी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। पीड़ित परिजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। ये यूपी के जंगलराज का क्रूर चेहरा है।'
इसके साथ ही अजय कुमार लल्लू ने पूछा, 'गाजियाबाद के पत्रकार साथी का क्या गुनाह था? क्या अपने परिवार की सुरक्षा के लिए न्याय की गुहार लगाना गुनाह है? मुख्यमंत्री जी! यह प्रदेश आपसे नहीं संभल रहा। इस्तीफा दीजिए और गोरखपुर लौट जाईये। गोरखपुर आपका इंतजार कर रहा है।'