लोकसभा चुनावों को लेकर उत्तर प्रदेश में शनिवार को समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन का औपचारिक ऐलान हो सकता है। इसी कड़ी में पहली बार बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा मुखिया अखिलेश यादव की संयुक्त प्रेस कॉन्फेंस होने जा रही है।
वहीं, इस गठबंधन में राष्ट्रीय लोकदल के शामिल होने की संभावनाओं पर पार्टी प्रमुख अजीत सिंह का कहना है कि अभी सीटों को लेकर उनकी कोई बात नहीं हुई है लेकिन ‘हम महागठबंधन में शामिल हैं।’ कांग्रेस के महागठबंधन में शामिल होने के सवाल पर रालोद नेता ने कहा कि इस पर मायावती और अखिलेश जी ही फैसला करेंगे।
पिछले हफ्ते ही दिल्ली में मायावती और अखिलेश यादव के बीच करीब डेढ़ घंटे तक चली बैठक के बाद गठबंधन पर सहमति बनी थी और सीटों को लेकर फॉर्मूला भी लगभग तय हो गया था लेकिन औपचारिक ऐलान नहीं किया गया था।
भाजपा के लिए होगा चुनौतीपू्र्ण
यूपी में लोकसभा की 80 सीटें है। सपा-बसपा के साथ आने से अब भाजपा के लिए 2014 में किए गए प्रदर्शन को दोहराना अधिक चुनौतीपूर्ण होगा। कल प्रेस कॉंफ्रेंस में सीटों के बंटवारे की भी घोषणा हो सकती है। रायबरेली और अमेठी की सीट कांग्रेस के लिए छोड़ी जा सकती है, जबकि रालोद को तीन सीटें दी जा सकती हैं।
पिछले चुनावों में भाजपा को 71 सीटों पर जीत मिली थी लेकिन मायावती की पार्टी खाता भी नहीं खोल सकी थी। वहीं, समाजवादी पार्टी के खाते में 5 सीटें आई थीं। कांग्रेस ने रायबरेली और अमेठी की सीटें जीती थीं।
चुनावी रणनीति का होगा खुलासा
दिल्ली से गुरुवार को ही लौटीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने चुनावी तैयारियों को अमलीजामा पहनाने के लिए भाईचारा कमेटी सहित कई नेताओं के साथ बैठक की। इसके बाद शुक्रवार तड़के ही संयुक्त प्रेस कांन्फ्रेंस को संबोधित करने की सूचना ने सियासी हलकों में गर्मी ला दी।
कयास लगाए जा रहे थे कि मायावती अपने जन्मदिन 15 जनवरी को गठबंधन के मसले पर बड़ी घोषणा कर सकती हैं, लेकिन अब इन कयासों पर विराम लग चुका है। उन्होंने 20 जनवरी को बसपा के पदाधिकारियों की बैठक बुलाई है। इसमें वह चुनावी रणनीति का खुलासा करेंगी। इसके अलावा 22 जनवरी को वह भाईचारा कमेटी की बैठक में लोकसभा चुनाव को लेकर दिशा-निर्देश देंगी।