अखिलेश ने लखनऊ में अनौपचारिक बातचीत में सहारनपुर में हाल में हुई सांप्रदायिक घटना का जिक्र करते हुए कहा कानून-व्यवस्था बड़ा सवाल है। चूंकि सरकार नई बनी है, इसलिए उस पर हम कुछ कहना नहीं चाहते थे, लेकिन नई सरकार ही अगर थानों में चली जाए तो...। उन्होंने कहा कि आगरा में किसी घटना पर पुलिस ने कार्रवाई की। एक थाने में पकड़े गए लोगों को छोड़ने का दबाव बनाया गया। पुलिस जब मामले को दूसरे थाने ले गयी तो उस थाने में घुसकर पुलिस के साथ जो व्यवहार हुआ है, मैं समझता हूं कि आजादी के बाद पुलिस के साथ ऐसा व्यवहार पहले कभी नहीं हुआ होगा।
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा बड़ी तकलीफ और परेशानी की बात यह है कि नया रंग (भगवा) जो आजकल गले में डाल लिया गया है, उससे ना जाने कौन सा लाइसेंस मिल गया है कि पुलिस को तोड़ने का काम, थाने में घुस जाने का काम हो रहा है। कन्नौज में 100 नंबर वाले पुलिसकर्मियों को पीट दिया गया, क्योंकि उन्होंने पीड़ितों की मदद की। तो सोचो, प्रदेश की कानून-व्यवस्था क्या है।
इलाहाबाद में एक ही परिवार के चार सदस्यों की हत्या की वारदात का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा बदायूं में झूठी घटना पर टीवी, कैमरा, प्रेस राजनीतिक दल सब पहुंच गए थे। क्या इलाहाबाद की घटना दर्दनाक नहीं है। क्या इस घटना को भी वही स्थान मिला है। अखिलेश ने कहा कि सहारनपुर में पिछले दिनों एक धार्मिक जुलूस निकालने को लेकर दो समुदायों के बीच हुए संघर्ष के मामले में सपा के तथ्यान्वेषी दल ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है। इस बारे में मीडिया को कल विस्तार से बताया जाएगा। ऐसा लग रहा है कि इस घटना में कुछ लोगों को बचाने के लिये केवल खानापूर्ति करके मुकदमे दर्ज हुए हैं।
पूर्ववर्ती सरकार में अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगी रहे बलात्कार के आरोपी गायत्री प्रजापति को जमानत मिलने के बारे में पूछने पर पूर्व मुख्यमंत्री ने सवालिया अंदाज में कहा जमानत मिल गई है, तो अच्छी बात है। इसमें भी अगर कोई बुराई हो तो बताओ। सपा प्रमुख ने कहा कि उन्होंने पार्टी से जुड़े तमाम महिला संगठनों से अपील की है कि वे ज्यादा से ज्यादा महिलाओं तथा छात्राओं को पार्टी से जोड़ें।
उन्होंने कहा सुना है प्रदेश की नई भाजपा सरकार समाजवादी पेंशन योजना बंद करना चाहती है, हालांकि वह बजट पेश होने पर पता लगेगा। हम 55 लाख महिलाओं को 500 रुपये समाजवादी पेंशन दे रहे थे, अगर वे 55 लाख महिलाएं हमारी पार्टी की सदस्य बन जाएंगी तो एक बड़ी फौज तैयार होगी। लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे परियोजना पर योगी सरकार की तिरछी नजर के बारे में उन्होंने कहा कि सरकार को अगर ज्यादा परेशानी हो तो एक्सप्रेस-वे जो आगे बनना है, उसे रद्द करके नया टेंडर कर दे। (एजेंसी)