शिवसेना सांसद संजय राउत ने मंगलवार को उनकी संपत्ति कुर्क करने की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई को 'मध्यम वर्ग मराठी मानुष' पर हमला करार दिया। राज्यसभा सांसद ने दावा किया कि उन्हें शिवसेना की पूर्व सहयोगी भाजपा द्वारा निशाना बनाया जा रहा है, क्योंकि उन्होंने महाराष्ट्र में एमवीए सरकार को गिराने के प्रयासों का समर्थन नहीं किया लेकिन वह इस तरह के कदमों से नहीं डरेंगे और दबाव बनाने के लिए किसी भी कार्रवाई का विरोध करेंगे।
संजय राउत ने बताया कि, मैंने इसे लेकर राज्यसभा अध्यक्ष को पहले ही सूचित किया था कि महाराष्ट्र की सरकार को गिराने के लिए मेरे ऊपर दबाव बनाया जा रहा है। कहा जा रहा है कि नहीं तो आपको केंद्रीय जांच एजेंसी का सामना करना पड़ेगा लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं। हम डरने वालों में से नहीं हैं। चाहे हमारी प्रॉपर्टी जब्त करो, चाहे हमें गोली मार दो, चाहे हमें जेल भेज दो।
राउत ने बताया कि ईडी की कार्रवाई ऐसे दिन हुई जब मुंबई पुलिस ने केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों के खिलाफ जबरन वसूली के आरोपों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया। राउत ने कहा कि ईडी की कार्रवाई प्रतिशोध की कार्रवाई है और उसके खिलाफ एजेंसी का दावा धराशायी हो जाएगा। वित्तीय अपराध जांच एजेंसी की कार्रवाई के बाद शिवसेना नेता ने ट्वीट किया "असत्यमेव जयते" (झूठ की जीत हुई)।
ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत रायगढ़ जिले से सटे अलीबाग में आठ भूखंड और राउत और उनके परिवार से जुड़े मुंबई के दादर इलाके में एक फ्लैट को कुर्क किया है। यह कुर्की मुंबई में एक 'चॉल' (पुरानी पंक्ति के मकान) के पुनर्विकास से संबंधित 1,034 करोड़ रुपये के भूमि 'घोटाले' से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग जांच से जुड़ी है।
ईडी ने इस मामले में महाराष्ट्र के कारोबारी प्रवीण राउत को फरवरी में गिरफ्तार किया था और बाद में उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। उन्होंने कहा, “यह (संपत्ति कुर्क करने के लिए ईडी की कार्रवाई) मध्यम वर्ग मराठी मानुष (मराठी लोग) के खिलाफ प्रतिशोध का कार्य है। पूरे महाराष्ट्र को इसके बारे में पता होना चाहिए। ” उन्होंने कहा, "मैं किसी से नहीं डरता। मैं झुकूंगा नहीं। यह मेरी मेहनत की कमाई है।"
राउत ने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राकांपा अध्यक्ष शरद पवार सहित कई राजनीतिक नेताओं के फोन आए, जिन्होंने ईडी की कार्रवाई पर चिंता व्यक्त की।