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जयललिता की शिक्षा को वेदों की तरह मानेंगी शशिकला

चिन्नम्मा वाझुगई के नारों के बीच वीके शशिकला ने आज अन्नाद्रमुक महासचिव का पदभार संभाला, जो पार्टी का शीर्ष पद है। उन्होंने जयललिता की विरासत को आगे ले जाने का संकल्प लेते हुए कहा कि उनकी राजनीतिक शिक्षाओं का वह वेदों की तरह पालन करेंगी।
जयललिता की शिक्षा को वेदों की तरह मानेंगी शशिकला

शशिकला (60) को चिन्नम्मा भी कहा जाता है और वह करीब तीन दशक तक सार्वजनिक जीवन में जयललिता के साथ रहीं और पर्दे के पीछे अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि पार्टी संस्थापक एमजी रामचंद्रन, द्रविड़ विचारक सीएन अन्नादुरई और अम्मा के अलावा किसी को पार्टी में प्रमुखता नहीं दी जाएगी।

पदभार संभालने के बाद भावुक शशिकला ने कहा कि अम्मा हमेशा ही मेरे दिल में है। उन्होंने कहा कि वह 33 साल से अधिक समय से पार्टी की बैठकों में जयललिता के साथ रही और अन्नाद्रमुक तमिलनाडु पर कई बरस तक शासन करना जारी रखेगा। दिवंगत जयललिता की करीबी सहयोगी ने कड़ी सुरक्षा में यहां पहुंचने के बाद सबसे पहले पार्टी संस्थापक एमजी रामचंद्रन की मूर्ति को यहां पार्टी मुख्यालय में माला पहनाई। इसके बाद वह जयललिता की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित करने गई।

 

शशिकला ने कागजातों पर हस्ताक्षर कर औपचारिक रूप से पदभार ग्रहण किया जिसके बाद वह लोगों को संबोधित करने बाहर आई। कार्यालय के रास्ते में पार्टी नेताओं, पदाधिकारियों और कैडर ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। वे लोग बड़ी संख्या में जमा थे। पार्टी कार्यकर्ता उनका स्वागत करने के लिए पार्टी मुख्यालय जाने वाली सड़क के दोनों ओर खड़े थे। हर जगह बैनर और होर्डिंग में शशिकला की चिन्नम्मा के रूप में सराहना की गई।

अन्नाद्रमुक अध्यक्षीय मंडल के अध्यक्ष ई मदुसुधानन, पार्टी कोषाध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेलवम, पार्टी नेता एवं लोकसभा में उपाध्यक्ष एम थंबीदुरई शशिकला की अगवानी कर उनके साथ पार्टी कार्यालय गए। (एजेंसी)

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