Advertisement

शिवसेना, कांग्रेस-एनसीपी आज कर सकते हैं महाराष्ट्र में सरकार बनाने का ऐलान

चुनाव नतीजों के 29 दिनों बाद महाराष्ट्र में सरकार गठन का इंतजार खत्म हो सकता है। आज यानी शुक्रवार को...
शिवसेना, कांग्रेस-एनसीपी आज कर सकते हैं महाराष्ट्र में सरकार बनाने का ऐलान

चुनाव नतीजों के 29 दिनों बाद महाराष्ट्र में सरकार गठन का इंतजार खत्म हो सकता है। आज यानी शुक्रवार को  शिवसेना के साथ कांग्रेस और एनसीपी की सरकार का औपचारिक ऐलान हो सकता है। देर रात शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे और एनसीपी चीफ शरद पवार के बीच मुलाकात हुई। इस बैठक में आदित्य ठाकरे और संजय राउत भी मौजूद थे। एनसीपी और शिवसेना नेताओं के बीच करीब 40 मिनट तक बैठक हुई। बताया जा रहा है कि इस बैठक के दौरान शरद पवार और उद्धव ठाकरे ने आज होने वाले ऐलान का ब्लूप्रिंट तैयार किया।  

मुंबई में आज बैठकों का दौर

आज महाराष्ट्र पर फैसले के लिए मुंबई में बैठकों का कई दौर चलेगा। सुबह 10 बजे से मातोश्री में शिवसेना विधायकों के साथ पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे की बैठक है। इसके बाद दोपहर 2 बजे के बाद शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के बीच आखिरी दौर की बातचीत होगी। शाम 4 बजे कांग्रेस अपने विधायक दल का नेता चुनेगी। माना जा रहा है कि देर शाम तक शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस भी कर सकते हैं, जिसमें नई सरकार और नए मुख्यमंत्री का ऐलान भी हो सकता है।

महाराष्ट्र में अगली सरकार सिर्फ और सिर्फ शिवसेना के नेतृत्व में

शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने गुरुवार को कहा था कि महाराष्ट्र में सरकार बनाना हमारा लक्ष्य है। एक दिसंबर से पहले सरकार बनाने की सभी प्रक्रिया पूरी कर ली जाएंगी। उन्होंने कहा था कि राज्य में अगली सरकार सिर्फ और सिर्फ शिवसेना के नेतृत्व में बनेगी।

ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री

अभी कांग्रेस और राकांपा नेताओं की ओर से सरकार के प्रारूप पर कोई जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री पद पर 50:50 फार्मूला लागू होगा। यानी पहले ढाई साल शिवसेना का मुख्यमंत्री होगा और बाकी के ढाई साल राकांपा। उपमुख्यमंत्री पद पूरे पांच साल कांग्रेस के पास रहेगा। मंत्री पद में संख्या बल के हिसाब से हिस्सेदारी होगी और अहम मंत्रालयों में भी तीनों दलों का प्रतिनिधित्व होगा। सरकार के लिए एक साझा कार्यक्रम तैयार होगा और लगातार समन्वय के लिए भी कोई व्यवस्था तैयार की जा सकती है, ताकि विचारधारा के कारण विवाद की स्थिति न खड़ी हो।

सीएम पद को लेकर अलग हुए शिवसेना-बीजेपी

24 अक्टूबर को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आए तो सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने मुख्यमंत्री पद पर अपना दावा किया, लेकिन शिवसेना इस बात पर अड़ गई कि अबकी बार मुख्यमंत्री उनका होगा, क्योंकि 50-50 का वादा उनसे बीजेपी ने किया था। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने इसको नकार दिया था। इसके बाद शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी से गठबंधन करके सरकार बनाने का मन बना लिया। करीब एक महीने बाद आज तीनों पार्टियां सरकार बनाने का ऐलान कर सकती हैं।

कांग्रेस को महाराष्ट्र में दफन कर देगा यह गठबंधन- निरूपम

कांग्रेस नेता संजय निरूपम ने शिवसेना के साथ जाने के फैसले को पार्टी के लिए घातक बताया है। उन्होंने कहा, 'कांग्रेस ने कई साल पहले उत्तर प्रदेश में बसपा से गठबंधन करके गलती की थी। पार्टी आज तक वहां इससे उबर नहीं पाई है। हम वही गलती महाराष्ट्र में कर रहे हैं। शिवसेना सरकार में तीसरे नंबर की पार्टी बनना यहां कांग्रेस के दफन हो जाने जैसा है। बेहतर होगा कि कांग्रेस अध्यक्ष किसी दबाव में नहीं आएं।' इस बीच केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कहा है कि कांग्रेस को तब तक सरकार में शामिल नहीं होना चाहिए, जब तक उसे भी मुख्यमंत्री पद न मिल जाए। आठवले ने कहा कि कांग्रेस को दो साल शिवसेना और डेढ़-डेढ़ साल कांग्रेस-राकांपा के मुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव रखना चाहिए।

'विधायक खरीदने की कोशिश हुई तो सिर फोड़ देंगे'

शिवेसना के विधायक अब्दुल सत्तार ने भाजपा को चेतावनी दी है। सत्तार ने कहा, 'भाजपा किसी भी विधायक की खरीद-फरोख्त नहीं कर पाएगी। लेकिन जो भी विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोशिश करेंगे, उनके सिर फोड़ दिए जाएंगे। इन विशेष मामलों के तहत हम अस्पताल में उनके इलाज की व्यवस्था भी करेंगे।'

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad