देसाई ने संवाददाताओं से पूछा, ‘‘महात्मा गांधी के लिए स्मारक बना था जबकि वह किसी भी संवैधानिक पद पर नहीं थे तो फिर बालासाहेब के लिए क्यों नहीं बन सकता है।’’
देसाई के विवादित बोल-
महात्मा गांधी संवैधानिक पद पर नहीं थे
देसाई ने कहा, “महात्मा गांधी के स्मारक बनाए जाते हैं जबकी वह किसी संवैधानिक पद पर नहीं थे। ऐसे बाला साहेब के लिए क्यों नहीं कर सकते? लोकतंत्र में हम सभी के पास अधिकार हैं। बाला साहेब एक महान नेता थे और एक शिव सैनिक भी। आम आदमी भी चाहता है कि उनके सम्मान में उनकी प्रतिमा बनाई जाए। सरकार ने इसे बनाने को लेकर फैसला ले लिया है और इसमें कुछ गलत नहीं। ”
क्या किसी ने गांधी के स्मारक को लेकर सवाल उठाए हैं?
वहीं देसाई ने यह भी कहा कि शिव सेना संस्थापक के व्यक्तित्व को महज कुछ मापदंडों के आधार पर तौला नहीं जा सकता। उन्होंने आगे कहा- “सवाल उठाया जा रहा है कि बाला साहेब किसी पद पर नहीं थे। इसके जवाब में मैं यह पूछना चाहूंगा कि क्या माहत्मा गांधी किसी पद पर थे? महात्मा गांधी के पास कोई प्रशासनिक पद नहीं था। फिर भी उनके स्मारक बनाए जाते हैं। क्या किसी ने गांधी के स्मारक को लेकर सवाल उठाए हैं?”
गौरतलब है कि दादर के शिवाजी पार्क में ठाकरे का स्मारक बनना प्रस्तावित है। यह स्थान अभी मुंबई के मेयर का आवास है। ठाकरे का निधन नवंबर 2012 में हुआ था। स्मारक बनने के बाद अब मेयर का आवास बायकुला जू हो जाएगा।