समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) गठबंधन को लेकर अखिलेश यादव ने एक बार फिर बयान दिया है। अखिलेश ने कहा है कि जिंदगी में कई बार प्रयोग असफल होते हैं लेकिन उससे कमियों का पता चल जाता है यानी कुछ सीखने को मिलता है। सपा प्रमुख ने गठबंधन के सवाल पर कहा कि अब राजनीति का रास्ता खुला हुआ है।
अखिलेश यादव बुधवार को ईद के मौके पर ऐशबाग स्थित ईदगाह पहुंचे और प्रदेशवासियों को ईद की मुबारकबाद दी। इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, ‘मैं इंजीनियरिंग का छात्र रहा। गठबंधन को लेकर एक प्रयोग किया था, जरुरी नहीं हर एक प्रयोग सफल हो लेकिन बसपा प्रमुख के लिए मेरे दिल में हमेशा सम्मान रहेगा’। अखिलेश ने कहा जहां तक उपचुनाव अकेले लड़ने की बात है अब सभी के लिए रास्ता खुला हुआ है। हम पार्टी नेताओं से चर्चा करेंगे और आगे की योजना तैयार करेंगे।
'रास्ते अलग लेकिन सम्मान बना रहेगा'
मायावती ने गठबंधन से ब्रेकअप करते हुए कहा था कि राजनीतिक रास्ते अलग हो गए हैं लेकिन डिंपल और अखिलेश से उनके व्यक्तिगत संबंध बने रहेंगे। इस पर अखिलेश ने कहा, ‘मैं आपको भरोसा दिला सकता हूं कि आदरणीय मायावतीजी के लिए जो मैंने पहले दिन कहा था पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में कि मेरा सम्मान उनका सम्मान होगा। आज भी मैं वही बात कहता हूं।‘
‘अब रास्ता राजनीति में खुला है’
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा था कि उनकी पार्टी उपचुनाव अकेले लड़ेगी हालांकि उसके बाद के चुनावों के लिए उन्होंने कहा था कि भविष्य में फैसला लिया जाएगा। हालांकि अखिलेश ने इशारों में अब दोनों पार्टियों के अलग रास्ते होने की बात कही है। अखिलेश ने कहा, 'जहां तक सवाल गठबंधन का है अकेले लड़ने का है अब रास्ता राजनीति में खुला है। अगर गठबंधन में उपचुनाव में अकेले-अकेले लड़ रहे हैं तो मैं पार्टी के सभी नेताओं से राय मशविरा करके आगे की रणनीति बनाने की दिशा में काम करूंगा।'
एक साल कम हो गई योगी की उम्र
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जन्मदिन को लेकर जब अखिलेश से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा,'मैं जन्मदिन को बहुत गंभीरता से नहीं लेता हूं क्योंकि आपकी उम्र के 1 साल कम हो गई।'
उपचुनाव में अलग-अलग चुनाव लड़ेंगे सपा-बसपा
लोकसभा चुनाव से पहले बने सपा-बसपा गठबंधन के फिलहाल खत्म होने के संकेत देते हुए दोनों दलों ने उत्तर प्रदेश में विधानसभा की कुछ सीटों पर होने वाले संभावित उपचुनाव को अपने बलबूते लड़ने की मंगलवार को घोषणा कर दी।
यूपी में क्या रहे लोकसभा चुनाव के नतीजे
उत्तर प्रदेश में चुनाव से पहले मोदी सरकार के खिलाफ सपा और बसपा ने गठबंधन कर बड़ा सियासी दांव चला था लेकिन परिणामों में यह कदम कारगर साबित नहीं हुआ। हालांकि मायावती की पार्टी सपा के मुकाबले फायदे में रहीं क्योंकि उनकी पार्टी बसपा शून्य से 10 लोकसभा सीटों पर पहुंच गई है जबकि अखिलेश को बड़ा नुकसान हुआ है। पिछली बार परिवार से 5 सीटें जीतने वाले अखिलेश फिर से 5 ही सीटों पर ही अटक गए। अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल कन्नौज निर्वाचन क्षेत्र में 12,000 से अधिक वोटों से हार गईं। उनके दो चचेरे भाई अक्षय यादव और धर्मेंद्र यादव भी फिरोजाबाद और बदायूं निर्वाचन क्षेत्रों से हार गए। बीजेपी ने कुल 80 सीटों में से 62 सीटें जीतकर राज्य में परचम लहराया।