लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी नेताओं की मुलाकातों का सिलसिला जारी है। महागठबंधन को लेकर बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता तेजस्वी यादव ने सोमवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव से मुलाकात की। तेजस्वी यादव लखनऊ आए हुए हैं और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती से मिलने के बाद उन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश से मुलाकात की है।
‘यूपी-बिहार से भाजपा का सफाया तय’
अखिलेश यादव से मिलने के बाद तेजस्वी यादव ने कहा कि देश में अघोषित इमरजेंसी का माहौल है। आज देश में नौजवान बेरोजगार है। तेजस्वी ने कहा कि लालू जी ने जो कल्पना की थी, वह अब जाकर साकार हुई है। हमने अखिलेश और मायावती जी को बधाई दी है। जो अंग्रेजों के गुलाम रहे वो आज देश की सत्ता पर काबिज हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि संघ के एजेंडे पर आज संविधान से छेड़छाड़ हो रही है। उन्होंने कहा कि यूपी-बिहार से बीजेपी का सफाया तय है।
‘बिहार के स्पेशल पैकेज पर कुछ नहीं हुआ’
तेजस्वी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की 80, बिहार की 40 और झारखंड की करीब 14 सीटें अगर बीजेपी को मात देती हैं तो वह खुद ही 100 सीटों से कम पर पहुंच जाएगी। उन्होंने कहा कि भाजपा के लोगों ने बड़े-बड़े सपने दिखाने के काम किए, बिहार के चुनाव में बोली लगाई गई। लेकिन जो स्पेशल पैकेज का ऐलान किया गया, उसका कुछ नहीं हुआ।
‘सीबीआई-ईडी भाजपा के पार्टनर’
तेजस्वी ने कहा कि मायावती और अखिलेश यादव ने जो कदम उठाया है, उससे देश नागपुरिया कानून से बच जाएगा। उन्होंने कहा कि सीबीआई-ईडी अब बीजेपी के पार्टनर हैं, लालू जी भी इसी वजह से जेल में हैं। कांग्रेस के गठबंधन में शामिल न होने पर उन्होंने कहा कि सबका मकसद बीजेपी को हराना है, लेकिन भाजपा को हराने के लिए सपा-बसपा ही काफी हैं।
हर कोई बीजेपी को हटाना चाहता है: अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि तेजस्वी यादव ने गठबंधन करने के लिए जो बधाई दी है, उसके लिए धन्यवाद है। आज देश में किसान, नौजवान, व्यापारी सभी दुखी हैं। उन्होंने कहा, ‘आज यूपी में जो गठबंधन हुआ है, उससे पूरे देश में खुशी है। मुख्यमंत्री बीजेपी का संदेश देते हैं। वो कहते हैं कि ठोक दो। मुख्यमंत्री सांप-छछूंदर की भाषा का उपयोग करते हैं।
तेजस्वी ने मायावती से की थी मुलाकात
आम चुनाव के मद्देनजर उत्तर प्रदेश और बिहार को महत्वपूर्ण राज्यों में गिना जाता है। ऐसे में दोनों प्रदेशों के मुख्य विपक्षी नेताओं का मिलना एक नए समीकरण को हवा दे सकता है। तेजस्वी यादव ने रविवार को लखनऊ में बसपा सुप्रीमो मायावती के आवास पर उनसे मुलाकात की. ये मुलाकात करीब डेढ़ घंटे तक चली। बताया जा रहा है कि सपा-बसपा के इस गठबंधन में राजद भी शामिल हो सकता है और बसपा को बिहार में 1-2 सीटें दी जा सकती हैं।
मायावती से मुलाकात करने के बाद तेजस्वी यादव ने कहा था कि हम सबसे छोटे हैं इसलिए सभी का आशीर्वाद लेने आए हैं। तेजस्वी ने कहा कि लालू यादव जी की भी यही सोच थी कि उत्तर प्रदेश में भी महागठबंधन हो, जो अब हो रहा है।
सपा-बसपा गठबंधन
दो दिन पहले ही मायावती और अखिलेश यादव ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर साथ में लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से बसपा-सपा 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि 2 सीटें अन्य पार्टी के लिए छोड़ी गई हैं। वहीं, अमेठी-रायबरेली सीट को कांग्रेस के लिए छोड़ा गया है।