राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने रविवार को कहा कि राकांपा (एसपी) की सांसद सुप्रिया सुले को बारामती विधानसभा सीट पर युगेंद्र पवार को उनके चाचा एवं उपमुख्यमंत्री अजित पवार के खिलाफ मैदान में उतारने के लिए माफी मांगनी चाहिए।
अजित पवार ने अपने भतीजे युगेंद्र पवार को बारामती सीट पर एक लाख से अधिक मतों से हराया। अजित पवार ने पुणे जिले में स्थित अपने पारिवारिक गढ़ बारामती से आठवीं बार चुनाव लड़ा और उन्हें 1,81,132 वोट मिले जबकि युगेंद्र पवार को 80,233 वोट हासिल हुए। इस तरह अजित पवार ने अपने छोटे भाई के बेटे युगेंद्र को 1,00,899 के अंतर से हरा दिया।
इस बेहद अहम मुकाबले को 65 वर्षीय नेता और उनके चाचा शरद पवार (83) के बीच लड़ाई के रूप में देखा जा रहा था।
राकांपा प्रवक्ता अमोल मिटकरी ने संवाददाताओं से कहा कि राकांपा (एसपी) नेता सुले को युगेंद्र को उनके चाचा के खिलाफ मैदान में उतारने के लिए ठीक उसी तरह माफी मांगनी चाहिए, जैसे अजित पवार ने इस साल के शुरू में लोकसभा चुनाव में अपनी पत्नी सुनेत्रा को उनके खिलाफ मैदान में उतारने के लिए खेद व्यक्त किया था।
मिटकरी ने जिक्र किया कि राकांपा (एसपी) विधायक रोहित पवार ने कर्जत जामखेड विधानसभा सीट पर बहुत कम अंतर से जीत हासिल की। रोहित पवार ने भाजपा के राम शिंदे को मात्र 1,243 मतों से हराया। उन्होंने दावा किया कि राकांपा (एसपी) के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल शनिवार को चुनाव परिणामों से इतने निराश थे कि वह अधिकारियों से अपना प्रमाणपत्र लेने के लिए समारोह में शामिल नहीं हुए।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत महायुति गठबंधन ने प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करते हुए 288 सदस्यीय विधानसभा की 230 सीट पर जीत दर्ज की। कांग्रेस नीत महा विकास आघाडी (एमवीए) महज 46 सीट पर सिमटकर रह गई।
निर्वाचन आयोग के अनुसार, भाजपा ने 132 सीट जीती हैं, शिवसेना ने 57 सीट जीती हैं जबकि राकांपा को 41 सीट मिली हैं।
एमवीए में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के उम्मीदवारों ने 10 सीट जीतीं, कांग्रेस ने 16 सीट जीतीं, जबकि शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने 20 सीट जीतीं। मिटकरी ने कहा कि यह वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं बालासाहेब थोराट, धीरज देशमुख और यशोमति ठाकुर के लिए आत्मचिंतन का समय होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘उनके पास आत्ममंथन के लिए पांच साल हैं।’’
चुनाव में कांग्रेस नेता नाना पटोले की जीत को आश्चर्यजनक बताते हुए राकांपा नेता ने कहा कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे थे लेकिन मामूली अंतर से जीते।