शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष और पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखवीर सिंह बादल ने गुरुवार को किसानों के आंदोलन को दबाने के लिए हरियाणा और केंद्र सरकार की निंदा की। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार किसान विरोधी है। केंद्र सरकार ने किसानों के संघर्ष को असफल करने की कोशिश की है। किसानों को रोकने के प्रशासनिक प्रयासों को उन्होंने राज्य का 26/11 बताया।
बादल शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक समिति के 27 नवंबर को होने वाले चुनाव संबंधी बैठक में शामिल होने के लिए अमृतसर पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि हम लोकतांत्रिक विरोध का अंत होते देख रहे हैं। श्री बादल ने कहा कि राज्य के किसानों के अधिकारों की लड़ाई को वाटर कैनन के इस्तेमाल से नहीं रोका जा सकता।
एसजीपीसी के 170 सदस्यों का 27 नवंबर को चुनाव होगा। इनमें से 137 सदस्य अकाली दल बादल से संबंधित हैं। बादल ने किसानों के आंदोलन पर कहा है कि किसान अपनी लड़ाई किसी राजनीतिक झंडे के अधीन नहीं लड़ना चाहते। सभी पार्टियों से जुड़े किसान कृषि कानूनों के मुद्दे पर एक साथ हैं।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार लोकतंत्र के स्थान पर तानाशाही काम कर रही है। प्रधानमंत्री किसी एक पार्टी के होने की बजाए सभी पार्टियों के होते हैं। उन्हें व्यापारियों की बजाए किसानों के बारे में सोचना चाहिए। उन्होंने हरियाणा के किसानों से अपील की कि वे पंजाब के किसानों के साथ आगे आएं और उनका समर्थन करें।
उल्लेखनीय है कि कृषि कानूनों के मुद्दे पर श्री बादल की पत्नी और बठिंडा से सांसद हरसिमरत कौर बादल ने मोदी कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद अकाली दल ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से भी अपना नाता तोड़ लिया था। वहीं श्री बादल, श्रीमती बादल और प्रेम सिंह चंदूमाजरा के नेतृत्व में अकाली दल ने चंडीगढ़ तक विशाल रोष मार्च भी निकाला था।