दिल्ली की आम आदमी पार्टी की केजरीवाल सरकार के 14 फरवरी को तीन साल पूरे होने जा रहे हैं जहां केजरीवाल सरकार अपनी उपलब्धियों पर जोर दे रही है तो विपक्षी पार्टी भाजपा और कांग्रेस सरकार की नाकामियों को गिना रहे हैं।
एक तरह से सभी दलों में ट्वीटर युद्ध छिड़ा हुआ है। एक तरफ आम आदमी पार्टी एक के बाद एक ट्वीट कर अपनी उपलब्धियां गिना रही है जबकि भाजपा और कांग्रेस भी ट्वीट से सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
आम आदमी पार्टी ने ट्वीट कर कहा है कि बिजली कंपनियों की सीएजी जांच कराई, जिससे कंपनियों में हड़कंप मच गया। बिल में 50 फीसदी की कटौती की, बिजली की घंटों की कटौती को बंद किया और बिजली कंपनियों पर जुर्माना लगाया। तीन साल में बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई। पार्टी ने कहा है कि आप की सरकार के आने पर दिल्ली महिला आयोग सक्रिय हो गई। ह्मयूमन ट्रैफिकिंग पर सख्त नियम बनाएं।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन ने आप सरकार के तीन साल पर निशाना साधते हुए कहा कि डीटीसी और कलस्टर बसों में न तो सीसीटीवी और न ही कोई मार्शल की व्यवस्था हो पाई। सरकार के कैबिनेट में कोई महिला मंत्री नहीं है। दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड ने अभी तक महज 29 फीसदी टॉयलेट का निर्माण कराया। महिला सशक्तिकरण के लिए कांग्रेस की प्रमुख योजना जीआरसी यानी लिंग संसाधन केंद्र और महिला हेल्पलाइन नंबर 181 को निष्क्रिय कर दिया गया।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने भी केजरीवाल सरकार के तीन साल पूरे होने पर ट्वीट कर कहा है कि अरविंद केजरीवाल की सरकार विज्ञापन की सरकार है। भ्रम पैदा करने की मास्टरी है। सरकार की नाकामियों के कारण तीन साल में 30 साल पीछे हो गए। भाजपा ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया कि 'क्या केजरीवाल जी ख़ुद को देश के क़ानून और संविधान से ऊपर समझते हैं इसलिए बार बार नियमो का उल्लंघन करते रहते हैं?