17वीं लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस विधायकों एवं नेताओं का भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल होना जारी है। सोमवार को पश्चिम बंगाल में एक बार फिर ममता सरकार को झटका लगा है। अब नौपारा के टीएमसी विधायक सुनील सिंह ने ऐलान किया है कि वह 12 पार्षदों के साथ सोमवार को दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय में पार्टी में शामिल होंगे।
दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले सुनील सिंह ने कहा, 'पश्चिम बंगाल की दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले सुनील सिंह ने कहा, 'पश्चिम बंगाल की जानता सबका साथ सबका विकास चाहती है। दिल्ली में मोदी जी की सरकार है और हम चाहते हैं कि यही सरकार प्रदेश में भी बने। ताकि हम पश्चिम बंगाल का विकास कर सकें।' बता दें कि इससे पहले भी तीन विधायक और 50 से अधिक पार्षद टीएमसी का साथ छोड़कर भाजपा में शामिल हो चुके हैं।
चुनाव के बाद से ही जारी है पाला बदलने का सिलसिला
इससे पहले लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद टीएमसी के विधायक मुनीरुल इस्लाम बीजेपी में शामिल हो गए थे। उनके साथ टीएमसी के वरिष्ठ नेता गदाधर हाजरा, मोहम्मद आसिफ इकबाल और निमई दास ने भी बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की थी। नेताओं के पलायन के साथ ही पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हत्याओं का दौर भी जारी है। टीएमसी और बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्याओं के लगातार मामले सामने आ रहे हैं।
चुनाव में टीएमसी को 42 में से 22 सीटें मिली
पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव में टीएमसी को 42 में से 22 सीटें मिली हैं जबकि बीजेपी के खाते में 18 सीटें गई हैं। 2014 में बीजेपी को राज्य में महज दो सीटों से संतुष्ट होने पड़ा था। लोकसभा चुनाव में एनडीए की शानदार जीत पर पीएम मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भी प्रतिक्रिया दी।
ममता सरकार और बीजेपी के बीच जारी है टकराव
ममता बनर्जी और भाजपा में लोकसभा चुनाव से ही टकराव जारी है। लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान पीएम मोदी ने बंगाल में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि चुनाव के नतीजों के बाद 40 विधायक भाजपा में शामिल होंगे। पीएम मोदी ने कहा था कि ये विधायक लगातार उनके संपर्क में हैं। इसके बाद भाजपा के बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था कि टीएमसी विधायक किश्तों में भाजपा ज्वाइन करेंगे।
तृणमूल कांग्रेस ने अमित शाह को लिखा था लेटर
हाल ही तृणमूल कांग्रेस ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को लिखे एक पत्र में आरोप लगाया था कि पश्चिम बंगाल सरकार को भेजा गया गृह मंत्रालय का परामर्श भाजपा का ‘गहरा षड्यंत्र' और द्वारा विपक्ष शासित राज्यों में ‘सत्ता हथियाने की चाल' है। हालांकि, भाजपा ने आरोपों को बेबुनियाद बताया और दावा किया था कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह चरमरा गई है।
तृणमूल कांग्रेस के महासचिव एवं पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी ने पत्र में लिखा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जमीनी हकीकत जाने बिना या राज्य सरकार से रिपोर्ट लिए बिना निष्कर्ष निकाल लिया। उन्होंने लिखा, ‘हम तृणमूल कांग्रेस की ओर से गृह मंत्रालय के परामर्श पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हैं और अपील करते हैं कि इसे तत्काल वापस लिया जाए।'