आम आदमी पार्टी के दिल्ली के बीस विधायकों को लाभ के पद मामले में अयोग्य करार दिये जाने की कड़ी आलोचना करते हुए पूर्व केन्द्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा कि राष्ट्रपति का आदेश एक बहुत खराब किस्म की तुगलकशाही है और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के विरुद्ध है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने एक ट्वीट में कहा, “बीस आप विधायकों को अयोग्य घोषित करने का राष्ट्रपति का आदेश प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के पूरी तरह से खिलाफ है। उनकी कोई सुनवाई नहीं, उच्च न्यायालय के फैसले का इंतजार नहीं किया।
उधर, लाभ के पद मामले में अपने 20 विधायकों की सदस्यता खत्म हो जाने से खफा आम आदमी पार्टी ने इसे लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पर तंज कसते हुए कहा है कि वह इस बारे में चुनाव अायोग की ओर से की गयी सिफारिशों को लौटाने का साहस दिखाएं।
पार्टी के प्रवक्ता आशुतोष ने ट्वीट करते हुए कहा कि उम्मीद करते हैं कि महामहिम को यह ज्ञात होगा कि पूर्व राष्ट्रपति के आर नारायणन ने संविधान के संरक्षक के तौर पर अहम भूमिका निभाते हुए केन्द्रीय मंत्रिमंडल की सिफारिशों को एक बार नहीं दो बार लौटाया था । उन्होंने रबर की मुहर की तरह नहीं बल्कि अपने अधिकारों का पूरा इस्तेमाल करने वाले एक महान राष्ट्रपति की तरह काम किया था।