अोवैसी यूपी में अपनी अलग-अलग सभाओं को सम्बोधित करते हुए दलित-मुस्लिम गठजोड़ को लेकर काफी उत्साहित हैं।यही वजह है कि वे भाजपा और सपा दोनों के खिलाफ तो तगड़ा हमला करते हैं लेकिन जहां बसपा की बात आती हैं, उनके तेवर नरम रहते हैं। ओवैसी को पता है कि अगर 21 फीसदी दलित और 19 फीसीदी मुस्लिम मिल जाए, तो सूबे की सत्ता उनके पास होगी। यही वजह है कि वे बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर को अपने भाषण में कोट करते हैं।
इसकी झलक हाल में ही बीकापुर की एक रैली में दिखी। जब जनता को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा था, बाबा तेरा मिशन अधूरा, ओवैसी करेंगे पूरा। ये वो नारा था, जो कांशीराम ने 1984 में बहुजन समाज पार्टी के निर्माण के दौरान लगाया था।
बसपा से जुड़े एक पुराने कार्यकर्ता के मुताबिक ओवैसी द्वारा लगाया गया यहा नारा अम्बेडकर साहब को सम्बोधित करता है। इससे पहले इस नारे का प्रयोग कांशीराम ने किया था। ये तब की बात है जब वे अम्बेडकर द्वारा चलाए गए दलित आंदोलन से बाहर निकल कर एक राजनीतिक संगठन को बनाने में जुटे थे। सूबे में दलितों की अबतक की सबसे मज़बूत पार्टी बसपा जो अभी तक सूबे में सरकार बनाती रही है, अपने लोगों के साथ छोड़ने और भाजपा से घिरने की वजह से कमज़ोर पड़ती दिख रही है। ऐसे में बसपा को भी एक ऐसे साथी की ज़रूरत है जो न सिर्फ उनके वोट बैंक में इज़ाफ़ा कर सके, बल्कि उनके साथ खड़ा होकर भाजपा से मुकाबला करे। इस कसौटी पर ओवैसी खरे उतरते दिख रहे हैं।
बसपा जिस रणनीति पर काम कर रही है, उससे यह संकेत मिल रहे हैं कि आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश के चुनावी समर में जय भीम-जय मीम का नारा लग सकता है। ओवैसी की पार्टी ने उत्तर प्रदेश में अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं। उत्तर प्रदेश एआइएमआईएम के नाम से एक सोशल पेज भी बनाया गया है, जिसमें ओवैसी समर्थक लगातार बसपा के साथ गठबंधन करने की मांग करते हुए जय भीम-जय मीम का नारा लगा रहे हैं।