ओवैसी के जरिए नई जमीन तलाश रहे ओमप्रकाश राजभर
- 10 दलों को मिलाकर बनाया भागीदारी संकल्प मोर्चा
- ओवैशी और बाबूसिंह कुशवाहा की पार्टी को भी जोड़ा
पूर्व मंत्री एवं सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर 2022 के विधनसभा चुनाव में भागीदारी संकल्प मोर्चा के जरिए उत्तर प्रदेश के भीतर नई जमीन तलाशने की शुरूआत की है। बिहार विधानसभा के बाद ओवैशी की इंट्री उत्तर प्रदेश में भी हो गई। यहाँ चुनाव से पहले राजभर ने भागीदारी संकल्प मोर्चा बैनर तले वाराणसी एअरपोर्ट पर जोरदार स्वागत कराकर ओवैसी से विस्तृत चर्चा कर चुके हैं।
2022 में उत्तर प्रदेश की सियासत में भागीदारी संकल्प मोर्चा के जरिये ओवैसी की एंट्री से भाजपा के साथ ही सपा और बसपा के वोट बैंक में भी सेंध लग सकती है। फिलहाल, आगे चलकर भागीदारी संकल्प मोर्चा में कितने दल और जुड़ेंगे यह तय नहीं है। इससे पहले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने 10 क्षेत्रीय दलों के प्रमुखों को जोड़कर 2022 चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। इनमें सबसे प्रमुख नाम है असदुद्दीन ओवैसी की अॉल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (एआईएमआईएम)। इसके अलावा मायावती सरकार में किचन कैविनेट के अहम व्यक्ति रहे बाबूसिंह कुशवाहा की जन अधिकार पार्टी, कृष्णा पटेल की अपना दल (कामेरावादी), कुशवाहा और कृष्णा पटेल पूर्व के चुनावों में विस्तृत रूप से बिगुल फूँका, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी।
प्रेमचन्द्र प्रजापति की राष्ट्रीय भागीदारी पार्टी, बाबूराम पाल की राष्ट्र उदय पार्टी, रामकरन कश्यप की भारतीय वंचित समाज पार्टी, रामसागर बिंद की भारत माता पार्टी, अनिल चौहान की जनता क्रांति पार्टी और लोकतंत्र बचाओ के मुखिया राजकुमार सैनी को ओमप्रकाश राजभर ने एक मंच पर इकट्ठा किया है। इन छोटे दलों का अपने-अपनों जनपदों में क्षेत्रीयवार रसूख रहता है। विधानसभा के आम चुनाव को अभी सालभर है, लेकिन माना जा रहा है कि ओमप्रकाश राजभर, बाबू सिंह कुशवाहा, कृष्णा पटेल जैसे नेता भाजपा के वोट काटेंगे तो दूसरी तरफ ओवैसी की सक्रियता यदि इसी तरह बनी रही तो समाजवादी पार्टी (सपा) के वोट बैंक में वे सेंध लगा सकते हैं।
ओमप्रकाश राजभर ने बताया कि औवैसी से मुलाकात हुई है, विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा भी हुई। यह चर्चा यूँ ही खाली नहीं जाएगी। गेहूँ की कटाई और मड़ाई के बाद उत्तर प्रदेश की सियासत में हम सभी मिलकर गर्माहट लाएंगे। भाजपा की सत्ता न आए इसके लिए जो करना पड़ेगा करेंगे। वैसे, प्रयास है कि समान विचारधारा वालों को जोड़ना है। मोर्चा तो 2019 में बना था जिसपर वंचित समाज अधिकार चेतना रैली की गई। बलिया, कुशीनगर, गाजीपुर, प्रयागराज जैसे जिलों में रैली भी हुई। लॉकडाउन को देखते हुए हर सोमवार को ग्रामीण क्षेत्रों में चौपाल लगाकर गाँववासियों को उनके अधिकार के लिए जागृत किया जा रहा है।
पूर्वांचल दौरे पर आए ओवैसी से वाराणसी एयरपोर्ट पर ओमप्रकाश राजभर की मुलाकात हुई। वहाँ, आसपास जनपदों के कई सामाजिक और प्रतिष्ठित व्यक्तियों से मिले और वार्ता हुईं। इसके बाद ओवैशी सड़क मार्ग से जौनपुर के रास्ते आजमगढ़ गए, वहाँ भी प्रदेश के प्रमुख राजनीतिक व्यक्तियों से मिले। ओवैशी और ओमप्रकाश राजभर की भेंट को सत्तारूढ़ दल भाजपा किस तरह लेती है यह चुनाव के समय पता लगेगा।
उत्तर प्रदेश की राजनीति में अहम स्थान रखने वाले शिवपाल सिंह यादव को शामिल करने का प्रयास सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर पहले कर चुके हैं। शिवपाल यादव को इस भागीदारी संकल्प मोर्चा में शामिल होने के लिए भी आमंत्रित किया है। 2022 के लिए राजनीतिक जमीन तलाश रहे ओमप्रकाश राजभर ने वाराणसी में कहा था कि उनके द्वार सभी के लिए खुले हैं। उत्तर प्रदेश में वह इस मोर्च को मजबूत बनाने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी मुलाकात कर चुके हैं और शिवपाल यादव से भी लगातार उनकी बातचीत हो रही है।