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2019 लोकसभा चुनाव की होड़ में नहीं आप: केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने साफ कहा है कि उनकी पार्टी 2019 के लोकसभा चुनावों की होड़ में नहीं है। उन्होंने ‘आप’ सदस्यों को चुनाव के पीछे नहीं भागने की सलाह देने के बावजूद यह कहा कि पंजाब के अगले चुनावों में पार्टी को दिल्ली जैसा मौका मिल सकता है।
2019 लोकसभा चुनाव की होड़ में नहीं आप: केजरीवाल

केजरीवाल ने आप की राष्ट्रीय परिषद बैठक को संबोधित करते हुए कहा, हम यहां सत्ता की राजनीति के लिए नहीं हैं। लोग पूछते हैं कि क्या आप 2019 की होड़ में है? हम किसी होड़ में नहीं हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा, दिल्ली की जीत एक चमत्कार थी। हमें बस ईमानदारी से कठिन काम करते रहना है। चुनाव के पीछे मत भागें। सभी संकेत हैं कि आप पंजाब में भी इसी तरह का अवसर पाने जा रहे हैं। आज से शुरू हुई इस बैठक में उम्मीद की जा रही है कि पार्टी अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी के नए सदस्य चुनेगी। राष्ट्रीय कार्यकारिणी दूसरा सर्वोच्च नीति निर्माता निकाय है। बैठक स्थल के बाहर कुछ आप सदस्यों ने प्रदर्शन किया। उनका दावा था कि उन्हें बैठक के लिए नहीं बुलाया गया।

केजरीवाल ने कहा कि पार्टी का मुख्य लक्ष्य भ्रष्टाचार से संघर्ष करना है और उनकी सरकार ऐसी पहली सरकार है जिसने भ्रष्टाचार में संलिप्तता पर अपने एक मंत्री को हटा दिया। केजरीवाल ने कहा, शुरू में हमारे दो लक्ष्य थे - भ्रष्टाचार से निबटना और जनलोकपाल तथा स्वराज लाना। पिछले 10 माह में हमने इतना कठोर परिश्रम किया, मैं चुनौती दे सकता हूं, जो शीला (दीक्षित) सरकार 15 साल में नहीं कर सकी। (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी के पास सारा देश था, वह भी नहीं कर सके। मुख्यमंत्री ने कहा, सबसे पहले भ्रष्टाचार पर बातें करें। अतीत में ऐसी कोई मिसाल नहीं है कि भ्रष्टाचार में संलिप्त पाए गए अपने ही किसी मंत्री को कोई सरकार बर्खास्त करे। हम देखते हैं कि कैसे सरकार भ्रष्टाचार के मामलों को, खास कर अपने मंत्रिायों के मामलों को छिपाती हैं।

केजरीवाल ने आश्वासन दिया कि दिल्ली विधानसभा के जारी शीतकालीन सत्र में जनलोकपाल विधेयक पारित किया जाएगा। उन्होंने कहा, यह वही पुराना विधेयक है जिसमें सिटिजन चार्टर और विजिलेंस नहीं है। हमने सतर्कता पहलू लागू कर दी है। सिटिजन चार्टर आज पेश किया जा रहा है। सो, भाजपा और कांग्रेस के पास हमारा विरोध करने के लिए कोई मुद्दा नहीं है।

उन्होंने दावा किया, पार्टी स्वराज के विचार को किसी कानून के माध्यम से नहीं बल्कि राज्यादेश के मार्फत लागू कर रही है क्योंकि केंद्र इसे कभी मंजूर नहीं करता। क्यों उन्हें स्वराज को बाधित करने का मौका दिया जाए।

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