आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने को लेकर राजनीति गरमा गई है। वाईएसआरसीपी के सभी छह सांसदों ने शुक्रवार को लोकसभा स्पीकर को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।
येदुगिरी संतति राजशेखर रेड्डी कांग्रेस (वाईएसआर कांग्रेस) के अध्यक्ष वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने केंद्र की सरकार को अल्टीमेटम दिया था कि अगर आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा दिए जाने की मांग को स्वीकार नहीं किया गया तो छह अप्रैल को उनकी पार्टी के सभी सांसद इस्तीफा दे देंगे। आज मौजूदा बजट सत्र का आखिरी दिन है और जगन रेड्डी ने आखिरी दिन तक संघर्ष करने का एेलान किया था।
YSRCP MP PV Midhun Reddy submits his resignation from Lok Sabha to speaker Sumitra Mahajan. #SpecialStatus #AndhraPradesh pic.twitter.com/GM24g97E0s
— ANI (@ANI) April 6, 2018
बता दें कि वाईएसआर कांग्रेस के कुल 6 सांसद हैं, जिसमें से एक राज्यसभा और पांच लोकसभा में हैं। इसमें विजय साई रेड्डी (राज्यसभा), वाई बी सुब्बारेड्डी (ओंगोल लोकसभा), मेकापति राजमोहन रेड्डी (नेल्लोर लोकसभा), वाई.एस. अविनाश रेड्डी (कडपा लोकसभा), डॉक्टर वाराप्रसाद राव (तिरुपति लोकसभा) और पीवी मिथुन रेड्डी (राजमपेटा लोकसभा) शामिल हैं।
उधर, केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश को विभिन्न परियोजनाओं के लिए कुल 1269 करोड़ रुपये जारी किए हैं। बजट में कम पैसे मिलने के बाद एनडीए और उसकी गठबंधन सहयोगी टीडीपी के बीच विवाद शुरू हो गया था। केंद्र की ओर से दी गई अनुदान राशि में से 417.44 करोड़ रुपये पोलावरम बहुउद्देशीय परियोजना के लिए दिये गये हैं। इसी योजना के चलते टीडीपी और भाजपा के बीच मतभेद हो गए थे। आंध्र प्रदेश के वित्त मंत्री यानामाला रामाकृष्णुदु ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को पिछले महीने एक मेमोरेंडम सौंपा था जिसमें कहा गया थ्ाा कि पोलवरम पर कुल 3217.63 करोड़ रुपये खर्च किया जा चुका है जिसका अब तक आवंटन नहीं किया गया है। इस परियोजना के लिए पैसे न मिलने के कारण पार्टी सांसदों ने विरोध प्रदर्शन भी किया था।