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सातवें चरण का चुनाव: इन 7 प्रत्याशियों के बीच लड़ाई है सबसे अहम, मंडी सीट पर सभी की नजरें

हिमाचल प्रदेश में लोकसभा चुनाव का मतदान सातवें चरण में होना है। 4 लोकसभा सीटों वाले प्रदेश में 1 जून को...
सातवें चरण का चुनाव: इन 7 प्रत्याशियों के बीच लड़ाई है सबसे अहम, मंडी सीट पर सभी की नजरें

हिमाचल प्रदेश में लोकसभा चुनाव का मतदान सातवें चरण में होना है। 4 लोकसभा सीटों वाले प्रदेश में 1 जून को मतदान होने हैं जिसमें भाजपा और कांग्रेस, दोनों ही पार्टियों की कड़ी नजर है। भाजपा चारों सीट पर लगातार तीसरी बार जीत हासिल करने की योजना में जुटी हुई है। वही दूसरी ओर सत्तारूढ़ कांग्रेस 2022 के विधानसभा चुनाव की जीत को कांगड़ा, हमीरपुर, मंडी और शिमला की सभी चार सीटों पर लोकसभा चुनाव में सफलता में बदलने की उम्मीद कर रही है।

चुनाव आयोग द्वारा साझा किए डाटा के अनुसार, 18 से 19 वर्ष के कुल 1.70 लाख मतदाता चुनाव में पहली बार मतदान करने वाले हैं। लोकसभा की चार सीटों के दावेदारों पर एक नजर डालते हैं जो चुनावी मैदान में खड़े हैं।

मंडी

मंडी सीट, चारों लोकसभा सीटों में से सबसे ज्यादा चर्चा में रही है। भाजपा ने कांग्रेस के विक्रमादित्य सिंह के खिलाफ अभिनेत्री से नेता बनी कंगना रनौट को मैदान में उतारा है। वर्तमान में मंडी सीट का प्रतिनिधित्व विक्रमादित्य सिंह की मां प्रतिभा सिंह कर रही हैं। दोनों ही उम्मीदवारों के बीच बयानबाजी काफी लंबे समय जारी है।
न्यूज एजेंसी एएनआई को कंगना रनौट ने कहा, “निर्वाचन क्षेत्र में अधिकतम काम हाईवे और टनेल के इर्द-गिर्द घूमता है। जीतने के बाद मैं नितिन गडकरी के साथ सबसे अधिक काम करुंगी।”

वहीं दूसरी ओर, विक्रमादित्य सिंह ने रनौत पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें राज्य के मुद्दों के प्रति कोई समझ या समर्पण नहीं है। उन्होंने कहा, "हिमाचल प्रदेश में 14 लाख बेटियाँ हैं। उनमें से बहुत सी बेटियाँ पढ़ाई करके आईएएस, आईएफएस आदि बनी हैं। उनमें से कुछ खेल में भी हैं और यह महिला (कंगना रनौत) भी उनमें से एक है। लेकिन जब हिमाचल की बात आती है, तो उनका हिमाचल के मुद्दों, समझ या इतिहास से कोई संबंध नहीं है; उनमें मुद्दों के प्रति कोई समर्पण या समझ नहीं है।"

हमीरपुर

हमीरपुर लोकसभा सीट पर चार बार के सांसद अनुराग ठाकुर और कांग्रेस नेता सतपाल सिंह रायजादा के बीच मुकाबला है। यह निर्वाचन क्षेत्र भाजपा का गढ़ है, जहां से ठाकुर के पिता प्रेम कुमार धूमल भी जीत चुके हैं। 2019 में ठाकुर ने 6,82,692 वोट (69 प्रतिशत) हासिल करके जीत हासिल की, जबकि कांग्रेस के राम लाल ठाकुर को 2,83,120 वोट (28.6 प्रतिशत) मिले। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के देश राज 7,095 वोट (0.7 प्रतिशत) के साथ तीसरे स्थान पर रहे।

कांगड़ा

पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता आनंद शर्मा कांगड़ा से चुनाव लड़ रहे हैं। उनका मुकाबला भाजपा के डॉ. राजीव भारद्वाज से है, जो पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार के भतीजे हैं। 2019 के चुनावों में, अस्वस्थ चल रहे भाजपा सांसद किशन कपूर ने कांग्रेस के पवन काजल को 4,77,623 मतों के अंतर से हराया था।

शिमला

शिमला सीट पर कड़ी टक्कर होने वाली है क्योंकि भाजपा और कांग्रेस ने अपने मौजूदा सांसद और विधायक को मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने कसौली से मौजूदा विधायक और छह बार के सांसद कृष्ण दत्त सुल्तानपुरी के बेटे विनोद सुल्तानपुरी को शिमला सीट से प्रत्याशी बनाया है। उनका मुकाबला मौजूदा सांसद और भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप से होगा। 1967 से अब तक हुए चौदह लोकसभा चुनावों में से कांग्रेस ने नौ बार, भाजपा ने तीन बार और जनता पार्टी और हिमाचल विकास कांग्रेस ने एक-एक बार यह सीट जीती है।

आपको बता दें कि 1 जून को लोकसभा के सातवें और आखिरी चरण का मतदान होना है। उसके बाद 4 जून को मतों की गिनती होगी फिर परिणाम जारी किया जाएगा।

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