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बंगाल उपचुनाव में अशांति की छिटपुट घटनाएं, नैहाटी निर्वाचन क्षेत्र के पास तृणमूल कार्यकर्ता की हत्या

पश्चिम बंगाल उपचुनाव के दौरान अशांति की छिटपुट घटनाएं हुईं, जिसमें एक स्थानीय तृणमूल कांग्रेस...
बंगाल उपचुनाव में अशांति की छिटपुट घटनाएं, नैहाटी निर्वाचन क्षेत्र के पास तृणमूल कार्यकर्ता की हत्या

पश्चिम बंगाल उपचुनाव के दौरान अशांति की छिटपुट घटनाएं हुईं, जिसमें एक स्थानीय तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ता अशोक शॉ की भाटपारा में एक देशी बम हमले में मौत हो गई। भाटपारा नैहाटी विधानसभा क्षेत्र से सटा हुआ इलाका है, जहां मतदान चल रहा है।

इस हमले के बाद उपचुनाव में मतदाताओं को डराने-धमकाने के राजनीतिक आरोप लगने लगे हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के कार्यालय ने घटना के संबंध में रिपोर्ट मांगी है।

इस घटना पर तत्काल राजनीतिक प्रतिक्रिया हुई और भाजपा नेता अर्जुन सिंह ने तृणमूल पर नैहाटी और अन्य निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाताओं में भय पैदा करने के लिए धमकाने की रणनीति अपनाने का आरोप लगाया।

जगतदल विधानसभा सीट से स्थानीय तृणमूल विधायक सोमनाथ श्याम ने बयान देने से परहेज करते हुए दावा किया कि हमले की परिस्थितियों का पता लगाने के लिए जांच चल रही है।

सीईओ कार्यालय के अनुसार, सिताई, मदारीहाट, नैहाटी, हरोआ, मेदिनीपुर और तालडांगरा विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनावों में मतदान काफी हद तक शांतिपूर्ण रहा और दोपहर एक बजे तक 45 प्रतिशत से अधिक मतदान दर्ज किया गया।

निर्वाचन आयोग के अनुसार सुबह नौ बजे तक 41 शिकायतें दर्ज की गईं, जिनमें से 16 भाजपा की ओर से थीं।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्ष ने तृणमूल कार्यकर्ताओं पर विभिन्न क्षेत्रों, खासकर हरोआ, मदारीहाट, सिताई और तालडांगरा निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाताओं को डराने-धमकाने का आरोप लगाया है। राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी ने आरोपों को निराधार बताया है।

नेता विपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि “विभिन्न सीटों पर कई बूथों पर भाजपा कार्यकर्ताओं को धमकियों का सामना करना पड़ रहा है।” हालांकि, तृणमूल कांग्रेस ने इस दावे को चुनाव में उसे बदनाम करने का प्रयास बताकर खारिज कर दिया है।

तृणमूल प्रवक्ता कुणाल घोष ने आरोपों को “निराधार” बताया और कहा कि विपक्षी दल सत्तारूढ़ पार्टी की चुनावी संभावनाओं को कमजोर करने के लिए कहानियां गढ़ रहे हैं।

उन्होंने आरोप लगाया, “यह तृणमूल कार्यकर्ता हैं जो मारे जा रहे हैं और विपक्ष हमें दोषी ठहरा रहा है। भाजपा और विपक्ष चुनाव के दौरान हिंसा फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।”

मदारीहाट में भाजपा उम्मीदवार राहुल लोहार की कार में कथित तौर पर तोड़फोड़ की गई।

सूत्रों ने बताया कि राहुल मदारीहाट ग्राम पंचायत के अंतर्गत मुजनई में भाजपा कार्यकर्ताओं से मिलने गए थे, तभी उन्हें तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों के विरोध का सामना करना पड़ा। सूत्रों ने बताया कि उनकी कार को रोक दिया गया और कथित तौर पर उस पर पत्थर फेंके गए।

तृणमूल समर्थकों ने दावा किया कि भाजपा सांसद और पूर्व विधायक मनोज तिग्गा पिछले पांच सालों में इलाके में नहीं दिखे और न ही कोई विकास कार्य हुआ। लोहार के खिलाफ भीड़ ने “वापस जाओ” के नारे भी लगाए।

कूचबिहार के सिताई में एक मतदान केंद्र पर तनाव फैल गया, आरोप है कि ईवीएम मशीन के दो बटन टेप से ढके हुए थे।

भाजपा उम्मीदवार दीपक रॉय ने दावा किया कि होकदाह अदाबारी एसएसके प्राथमिक विद्यालय स्थित मतदान केंद्र पर ईवीएम के पहले दो बटनों पर टेप चिपका हुआ पाया गया।

रॉय ने पीठासीन अधिकारी और अन्य मतदान कर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा, “यह चुनाव प्रक्रिया का गंभीर उल्लंघन है।”

इसके बाद वे खुद बूथ में घुस गए और ईवीएम से टेप हटा दिया, जिससे बूथ के अंदर हंगामा होने लगा। सूत्रों ने बताया कि रॉय और पीठासीन अधिकारी के बीच तीखी नोकझोंक हुई।

तृणमूल कांग्रेस ने हालांकि आरोप लगाया कि भाजपा उम्मीदवार के आने तक मतदान शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा था। पार्टी ने रॉय पर प्रक्रिया बाधित करने और परेशानी पैदा करने का आरोप लगाया।

इस बीच, हरोआ सीट से वाम मोर्चा समर्थित उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) ने भी हस्तक्षेप की सूचना दी और दावा किया कि तृणमूल कार्यकर्ता उसके मतदान एजेंटों को हरोआ में कुछ मतदान केंद्रों में प्रवेश करने से रोक रहे थे।

 

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