कृषि विधेयकों को लेकर एनडीए के सबसे पुराने सहयोगी शिरोमणि अकाली दल ने गठबंधन छोड़ दिया। इस घटनाक्रम के बाद एनडीए के एक और पुराने साथी रहे शिवसेना ने इस पर तंज कसा है। पार्टी ने कहा है कि वे इसे अब एनडीए नहीं मानते।
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि एनडीए के मजबूत स्तंभ शिवसेना और अकाली दल थे। शिवसेना को मजबूरन एनडीए से बाहर निकलना पड़ा, अब अकाली दल निकल गया। एनडीए को अब नए साथी मिल गए हैं, मैं उनको शुभकामनाएं देता हूं। जिस गठबंधन में शिवसेना और अकाली दल नहीं हैं मैं उसको एनडीए नहीं मानता।
कुछ ऐसे ही आरोप शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने भी लगाए हैं। बादल ने कहा, “3 करोड़ पंजाबवासियों की पीड़ा और विरोध भी केंद्र के कठोर रुख को पिघलाने में विफल है तो यह वाजपेयी और बादल साहिब द्वारा परिकल्पित एनडीए नहीं है। ऐसे गठबंधन का अब पंजाब में कोई औचित्य नहीं रहा। केंद्र ने शिअद के साथ गठबंधन होते हुए भी पार्टी की बात नहीं मानी, जबकि हमने लगातार पीएम को स्थिति समझाने का प्रयास किया। पार्टी अब किसानों का साथ देगी और हम 2022 में विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेंगे”।
बता दें कि चंडीगढ़ स्थित शिअद मुख्यालय में शनिवार देर रात पार्टी की काेर कमेटी की बैठक में करीब तीन घंटे तक चली जद्दोजहद के बाद शिअद अध्यक्ष सुखबीर बादल ने एनडीए से 24 वर्ष पुराना गठबंधन तोड़ने का ऐलान किया।
राजग के दो अन्य प्रमुख सहयोगी दल शिवसेना और तेलगु देशम पार्टी भी अन्य मुद्दों पर गठबंधन से अलग हो चुके हैं।