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‘योगी बनाम प्रतियोगी छात्र’ हुआ माहौल, अखिलेश यादव ने कहा- नौकरी भाजपा के एजेंडे में नहीं

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के पीसीएस प्री और आरओ..एआरओ की परीक्षा दो दिन में संपन्न कराने...
‘योगी बनाम प्रतियोगी छात्र’ हुआ माहौल, अखिलेश यादव ने कहा- नौकरी भाजपा के एजेंडे में नहीं

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के पीसीएस प्री और आरओ..एआरओ की परीक्षा दो दिन में संपन्न कराने के निर्णय के विरोध में जारी छात्रों के आंदोलन के समर्थन में समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने मंगलवार को कहा कि माहौल ‘योगी बनाम प्रतियोगी छात्र’ हो गया है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘आज प्रदेश के प्रतियोगी परीक्षाओं के हर अभ्यर्थी, हर छात्र, हर युवक युवती की जुबान पर जो बात है वह यह है कि नौकरी भाजपा के एजेंडे में है ही नहीं। उन्होंने चलवाया लाठी डंडा, नौकरी नहीं जिनका एजेंडा।’’

अखिलेश यादव ने कहा, ‘‘भाजपा के लोग जनता को रोजी रोटी के संघर्ष में उलझाए रखने की राजनीति करते हैं जिससे भाजपाई सांप्रदायिक राजनीति की आड़ में भ्रष्टाचार करते रहें। सालों साल रिक्तियां या तो निकलती नहीं है या फिर परीक्षा की प्रक्रिया पूरी नहीं होती है।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने छात्रों को पढ़ाई की मेज से उठाकर सड़कों पर लाकर खड़ा कर दिया है। उन्होंने दावा किया कि यही आक्रोशित अभ्यर्थी और उनके हताश निराश परिवारवाले अब भाजपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन रहे हैं।

अखिलेश यादव ने कहा कि नौकरी-पेशा, पढ़ा-लिखा मध्यम वर्ग अब भावना में बहकर भाजपा के बहकावे में आने वाला नहीं है।

अखिलेश यादव ने कहा, ‘‘अब ये लोग भी भाजपा की नकारात्मक राजनीति के झांसे में आने वाले नहीं हैं। ये लोग अब बांटने वाली सांप्रदायिक राजनीति को नकार कर जोड़ने वाली सकारात्मक राजनीति को गले लगा रहे हैं। अब कोई भाजपाइयों का मानसिक गुलाम बनने को तैयार नहीं हैं।’’

उन्होंने आगे कहा, ‘‘अब लोग समझ गए हैं कि भाजपा सरकार के रहते कुछ भी नहीं होने वाला। भाजपा के पतन में ही छात्रों का उत्थान है। भाजपा और नौकरी में विरोधाभासी संबंध है। जब भाजपा जाएगी, तभी नौकरी आएगी।’’

अखिलेश ने कहा, ‘‘अब क्या भाजपा सरकार छात्रों के हॉस्टल या लॉज पर बुलडोजर चलाएगी। भाजपाई जिस शिद्दत से नाइंसाफी का बुलडोजर चला रहे हैं, अगर उसी शिद्दत से सरकार चलाई होती तो आज भाजपाइयों को छात्र आक्रोश से डरकर अपने घरों में छिपकर नहीं बैठना पड़ता। आंदोलनकारियों के गुस्से से घबराकर भाजपाइयों के घरों, दुकानों, प्रतिष्ठानों और गाड़ियों से भाजपा के झंडे उतर गए हैं।’’

 

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