पश्चिम बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने शनिवार को पुलिस पर कथित रूप से बलात्कार और हत्या की शिकार डॉक्टर के माता-पिता को 'नजरबंद' रखने का आरोप लगाया। चौधरी ने मृतक डॉक्टर के घर जाकर उसके माता-पिता से बात की और यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने शव का जल्द अंतिम संस्कार करने के लिए पिता को पैसे की पेशकश की थी।
चौधरी ने संवाददाताओं से कहा, "मैंने मृतक डॉक्टर के घर जाकर उनके परिवार से काफी देर तक बात की। पुलिस ने परिवार को नजरबंद कर रखा है। वे उन्हें विभिन्न बहाने बनाकर घर से बाहर नहीं निकलने दे रहे हैं। पुलिस ने उनके चारों ओर बैरिकेड बना रखा है, सीआईएसएफ को इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।" चौधरी ने आरोप लगाया, "कोलकाता पुलिस ने राज्य सरकार के निर्देश का पालन करते हुए पिता को पैसे की पेशकश की और कहा कि उनकी बेटी के शव का बिना देरी किए अंतिम संस्कार कर दिया जाए।"
9 अगस्त को कोलकाता में राज्य द्वारा संचालित आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार रूम में स्नातकोत्तर प्रशिक्षु का शव मिला था। जूनियर डॉक्टर उस दिन से ही काम बंद कर रहे हैं और उसके लिए न्याय और चिकित्सा प्रतिष्ठानों में कड़ी सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। वरिष्ठ कांग्रेस नेता को पुलिस ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में घुसने से रोक दिया, जब वे आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों से मिलने वहां पहुंचे।
चौधरी ने कहा, "मैं वहां एक आम व्यक्ति के तौर पर गया था, न कि एक राजनीतिक नेता के तौर पर, ताकि उनके प्रति एकजुटता व्यक्त कर सकूं। लेकिन पुलिस ने मुझे उनसे मिलने से रोक दिया... अगर उन्होंने पहले ही यह तत्परता दिखाई होती, तो हमारी बहन डॉक्टर का यह हश्र नहीं होता।" कोलकाता पुलिस के एक नागरिक स्वयंसेवक को अपराध में कथित संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किया गया। कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर अब सीबीआई मामले की जांच कर रही है।