कांग्रेस ने अमीर भारतीय नागरिकों के अपनी नागरिकता छोड़ने से जुड़े आंकड़े का हवाला देते हुए शनिवार को आरोप लगाया कि यह पलायन सरकार की अपारदर्शी कर नीतियों और मनमाने कर प्रशासन का परिणाम हो सकता है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने राज्यसभा में विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह द्वारा आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा के प्रश्न के दिए गए लिखित उत्तर का हवाला देते हुए सरकार पर निशाना साधा।
उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘राज्यसभा में सरकार के ख़ुद के दिए आंकड़ों के मुताबिक़ 2023 में 2.16 लाख भारतीय नागरिकों ने अपनी नागरिकता छोड़ी है, जो 2011 में ऐसा करने वाले 123,000 लोगों के आंकड़े से लगभग दोगुना है। नागरिकता छोड़ने वालों में से कई भारतीय अत्यधिक कुशल और शिक्षित हैं।’’
उनके मुताबिक, ‘‘घरेलू स्तर पर कुशल श्रम आपूर्ति की कमी के समय उनके देश छोड़ने से हमारी अर्थव्यवस्था पर गंभीर असर पड़ेगा। इस साल की शुरुआत में, एक अग्रणी ‘ग्लोबल इन्वेस्टमेंट माइग्रेशन’ परामर्श कंपनी ने खुलासा किया था कि पिछले तीन वर्षों में 17,000 से अधिक करोड़पतियों (कुल संपत्ति 10 लाख डॉलर से अधिक वाले व्यक्तियों) ने भारत छोड़ दिया था।’’
उन्होंने कहा कि कुशल और उच्च संपत्ति वाले भारतीय नागरिकों का यह पलायन अपारदर्शी कर नीतियों और मनमाने कर प्रशासन का परिणाम हो सकता है, जो पिछले दशक में कॉरपोरेट भारत के चारों ओर फैले भय और डर के माहौल से काफ़ी अलग है।
रमेश ने कहा, ‘‘व्यावसायिक हस्तियां तेज़ी से सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन और अन्य स्थानों पर स्थानांतरित हो रही हैं। और कुछ हो या ना हो, यह एक ऐसा आर्थिक उपहास है जो अगले कुछ वर्षों में हमारे कर राजस्व के आधार को गंभीर रूप से नुक़सान पहुंचाएगा।’’