उत्तर प्रदेश के बलरामपुर से जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए भाजपा उम्मीदवार को निर्विरोध चुन लिया गया है। भाजपा प्रत्याशी के अलावा किसी और दल ने अध्यक्ष पद के लिए नामांकन नहीं किया। वहीं विपक्षी सपा ने जिला प्रशासन पर पक्षपात का आरोप लगाया है। भाजपा ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए स्नातक की छात्रा आरती तिवारी को उम्मीदवार बनाया था। आरती के नाम का ऐलान जिले में चर्चा का विषय बनी रही।
जानकारी के मुताबिक, शनिवार को आरती के अलावा कोई और नामांकन के लिए नहीं पहुंचा। लिहाजा आरती को निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष चुन लिया गया। हालांकि आरती के जीत का औपचारिक ऐलान अभी बाकी है। आरती सिर्फ 22 साल की हैं।
वहीं एनबीटी के मुताबिक, नामांकन दर्ज करने के लिए जाते वक्त समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार किरण यादव के समर्थकों जिला प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस ने चेकिंग के नाम पर प्रत्याशी किरण यादव की गाड़ी घंटो तक बिना किसी वजह के रोके रखी, जिससे वह जिलाधिकारी कार्यालय न पहुंच सकें।
, एसपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री डॉ. एसपी यादव ने पुलिस- प्रशासन पर किरण यादव के अपहरण का आरोप लगाया और कार्यकर्ताओ के साथ धरने पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि प्रत्याशी को जानबूझकर सरकार के दबाव में रोका गया, जिससे सपा उम्मीदवार अपना नामांकन दाखिल न कर सकें और भाजपा का प्रत्याशी जीत जाए।
बता दें कि आरती बलरामपुर एमएलके डिग्री कॉलेज से स्नातक कर रही हैं। उनके चाचा श्याम मनोहर तिवारी भाजपा के पुराने कार्यकर्ता हैं। आरती ने करीब 8 हजार वोटों से अपने प्रतिद्वंद्वी को मात दी और जिले में सबसे कम उम्र की जिला पंचायत सदस्य का खिताब अपने नाम किया।
आरती ने नामांकन के बाद मीडिया से कहा कि उन्हें जो जिम्मेदारी मिली है उसका वे निर्वहन करेंगी और विकास ही उनका एजेंडा है। जो क्षेत्र विकास से अछूते हैं वहां विकास होगा।