पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने वक्फ कानून को लेकर केंद्र की भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा है। एएनआई को दिए इंटरव्यू में महबूबा मुफ्ती ने इस कानून को मुसलमानों की संपत्ति हड़पने की साजिश बताया। इसके अलावा इसे बाबरी मस्जिद विवाद की तर्ज पर एक सुनियोजित कदम बताया।उन्होंने भाजपा पर पिछले एक दशक से मुसलमानों को निशाना बनाने और देश की गंगा-जमुनी तहज़ीब को नष्ट करने का आरोप लगाया है।
महबूबा मुफ्ती ने साक्षात्कार में कहा, "वक्फ अधिनियम में संशोधन मुसलमानों के खिलाफ एक बड़ा हमला है। बाबरी मस्जिद को ध्वस्त करने के बाद, भाजपा ने अब वक्फ संपत्तियों को निशाना बनाया है। यह उनकी पुरानी रणनीति है कि पहले विवाद पैदा करो, फिर उसका फ़ायदा उठाओ।" मुफ्ती ने कहा कि यह कानून मुसलमानों के धार्मिक और संपत्ति अधिकारों का उल्लंघन करता है, जो संविधान द्वारा संरक्षित हैं। महबूबा मुफ्ती ने चेतावनी दी कि भाजपा की नीतियाँ देश के सामाजिक ताने-बाने को नष्ट कर सकती हैं। इसके अलावा मुफ्ती कहती हैं कि देश में जब तक भाजपा कि सरकार जाएगी, तब देश को भारी नुकस हो गया रहेगा।
मुस्लिम विरोधी कानून: महबूबा मुफ्ती
वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 को संसद ने 4 अप्रैल को पारित किया था, जिसमें लोकसभा में 288 और राज्यसभा में 128 सांसदों ने इसका समर्थन किया था। सरकार का दावा है कि यह कानून वक्फ बोर्डों की कार्यकुशलता बढ़ाने और संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता लाने के लिए है। हालांकि, मुफ्ती ने इसे "मुस्लिम विरोधी" करार दिया और कहा कि यह बाबरी मस्जिद की तरह मुसलमानों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने की साजिश है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के ग्रैंड मुफ्ती नासिर-उल-इस्लाम का हवाला दिया, जिन्होंने इस कानून को मुसलमानों के खिलाफ बताया और कहा कि वह इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे।
महबूबा ने जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) सरकार पर भी हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि एनसी ने विधानसभा में वक्फ कानून पर चर्चा के लिए प्रस्ताव को खारिज करके भाजपा के "मुस्लिम विरोधी एजेंडे" का समर्थन किया है। उन्होंने कहा, "जम्मू-कश्मीर, जो देश का एकमात्र मुस्लिम बहुल क्षेत्र है, जहां सरकार को इस मुद्दे का खुलकर विरोध करना चाहिए था। एनसी की चुप्पी विश्वासघात है।"
इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों की तारीफ की मुफ्ती
महबूबा ने कानून का विरोध करने वाले पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और कर्नाटक के मुख्यमंत्रियों की तारीफ की। उन्होंने कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चल रही याचिकाओं का समर्थन किया और कहा, "यह मामला करोड़ों मुसलमानों की भावनाओं से जुड़ा है। हमें न्यायपालिका पर भरोसा है।" मुफ्ती ने भाजपा से सवाल किया कि क्या वह बाबरी मस्जिद जैसा इतिहास दोहराना चाहती है, उन्होंने देश को एकजुट रखने की अपील की।