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सार्वजनिक स्वास्थ्य पत्रकारिता में पहला मूूल्यांकन कौशल प्रोग्राम पेश

सार्वजनिक स्वास्थ्य, पत्रकारिता और संचार में अपनी तरह का पहला ‘महत्वपूर्ण मूल्यांकन कौशल पाठ्यक्रम प्रमाणपत्र आज भारतीय जनसंचार संस्थान के द्वारा 40 युवा मीडिया पेशेवरों को दिया गया।
सार्वजनिक स्वास्थ्य पत्रकारिता में पहला मूूल्यांकन कौशल प्रोग्राम पेश

प्रोग्राम की अवधारणा यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड, थॉमसन रयूटर्स फाउंडेशन, जॉर्ज इंस्टीट्यूट ऑफ ग्लोबल हेल्थ की साझेदारी में तैयार की गई। इसे भारत के आईआईएमसी में शुरू किया गया है। पाठ्यक्रम मीडिया कर्मियों के लिए कौशल निर्माण की एक पहल मुद्दों पर प्रमाण आधारित रिपोर्टिंग में विशेषज्ञता का अवसर प्रदान करती है। इस मौके पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव सुनील अरोड़ा ने कहा कि विशेष रूप से मीडिया विद्यार्थियों में कौशल का विकास करना बेहद जरूरी है। इससे सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं विकास जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों के प्रमाण आधारित कवरेज को बढ़ावा मिलता है।

 

यूनिसेफ के प्रतिनिधि लुईस जॉर्ज ऑर्सेनॉल्ट ने बाल स्वास्थ्य के महत्वपूर्ण मुद्दे पर प्रकाश डालते हुए कहा, देश भर में मीडिया और पत्रकारिता के स्कूलों के साथ विचार-विमर्श करने के बाद हमने एक ऐसे साधारण पाठ्यक्रम की आवश्यकता महसूस की जो सार्वजनिक स्वास्थ्य, विशेष रूप से बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर वैज्ञानिक एवं प्रमाण आधारित रिपोर्टिंग को बढ़ावा दे।

 

इस मौके पर आईआईएमसी के महानिदेशक केजी सुरेश ने छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि यह पाठ्यक्रम मीडिया कर्मियों और पत्रकारों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है और उन्हें सार्वजनिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर बेहतर रिपोर्ट देने में सक्षम बनाएगा। इसलिए जब आईआईएमसी को इस पायलट प्रोग्राम के लिए चुना गया

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