संकलन का नाम - ये मेरा घर ये तेरा घर
लेखिका- ममता चंद्रशेखर
प्रकाशक - लोक भारती प्रकाशन,पहली मंजिल, दरबारी बिल्डिंग महात्मा गांधी मार्ग, प्रयागराज 211001
मूल्य - 400.00 रु
कहानियाँ कहाँ जनमती है? किसी ने कभी मुझसे कहा था - घर-परिवार में। ममता चन्द्रशेखर का नया कहानी संग्रह घर एवं परिवार में जन्म ले कर सम्बन्धों के उतार-चढ़ाव में जी रही कहानियों का एक अनूठा संकलन है। ममता चन्द्रशेखर हिन्दी की एक महत्वपूर्ण उपन्यासकार एवं कथाकार के रूप में लगातार अपनी उपस्थिति साबित तो करती ही रही हैं। उनका यह नया कहानी संग्रह भी हिन्दी साहित्य में उनकी महत्वपूर्ण उपस्थिति का अहसास कराता है।
यह कहानी संग्रह हिन्दी के महत्वपूर्ण प्रकाशन लोक भारती प्रकाशन ने प्रकाशित किया है, जो राजकमल प्रकाशन समूह का एक महत्वपूर्ण इकाई है। इस संकलन में 27 कहानियाँ संकलित हैं। जिनमें मानवीय जीवन के अनेक भाव प्रेम, ईष्या, खुशी, हंसी, गम मुखरित होते हैं। ये कहानियाँ पारिवारिक सम्बन्ध एवं परिवारिक जीवन को एक स्त्री की नजरों से कैमरागेज की तरह अपने में अंकित करती जाती है एवं उन्हें इसी प्रक्रिया में ये कहानियाँ एक प्रभावी वृतान्तात्मक दृश्य के रूप में रूपानतरित करती जाती हैं।
इन कहानियों में प्रभावी कथात्मक संवाद शैली के माध्यम से जीवन के हरेक रंग को सामने लाने की कोशिश की गई है। ये मेरा घर, ये तेरा घर जिस कहानी के नाम पर इस संग्रह का नाम रखा गया है, वह अपने में ही एक सशक्त कहानी है, जिसे बार-बार पढ़ने का मन करता है।
इन कहानियों से गुजरते वक्त बार-बार लगता है कि ममता चन्द्रशेखर के पास एक प्रभावी कथा कहने की शैलि है। वे छोटे-छोटे वाक्यों के माध्यम से इन कहानियों में एक सफल किस्सागो की तरह उभरती हैं। ये कहानियाँ भारतीय परिवारों में हो रहे परिवर्तन को तो रेखांकित करती ही हैं, साथ ही परिवारिक मूल्यों की निरंतरता का भी एहसास कराती हैं। विश्वास है हिन्दी के पाठकों को यह कहानी संकलन पंसद आएगी।