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उर्दू प्रेस में बिहार चुनाव के अहम मुद्दे | शाहीन नजर

उर्दू प्रेस में बिहार चुनाव के अहम मुद्दे | शाहीन नजर

बिहार चुनाव पर आए ताजा सर्वे में भारतीय जनता पार्टी को लालू-नितीश-कांग्रेस के महागठबंधन से आगे दिखाया गया है। समाचारपत्रों और टेलीविजन चैनलों पर इस पर कई प्रकार की प्रतिक्रियाएं आई हैं पर उर्दू अखबार सर्वे के नतीजों से सहमत नहीं हैं।
एशिया के दस सबसे अमीर परिवारों में तीन भारतीय

एशिया के दस सबसे अमीर परिवारों में तीन भारतीय

फोर्ब्स एशिया पत्रिका ने एशिया के 50 सबसे अमीर परिवारों में भारत के तीन परिवारों को शुमार किया है। गुरुवार को जारी इस सूची में दक्षिण कोरिया का ली परिवार है जिसका सबसे लोकप्रिय ब्रांड सैमसंग पर स्वामित्व है। इस सूची में रिलायंस का मालिक अंबानी परिवार और विप्रो का मालिक अजीम प्रेमजी सबसे अमीर भारतीय परिवार से ताल्लुक रखते हैं।
उर्दू में रची हनुमान चालीसा

उर्दू में रची हनुमान चालीसा

एक मुस्लिम युवक ने हनुमान चालीसा का उर्दू में भावानुवाद कर देश की गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल सामने रखी है। जौनपुर के निवासी आबिद अल्वी ने भाषा (एजेंसी) से बातचीत में कहा मैंने उर्दू शायरी की मुसद्दस विधा में हनुमान चालीसा का भावानुवाद किया है।
उर्दू कवि बशर नवाज का निधन

उर्दू कवि बशर नवाज का निधन

जाने-माने उर्दू कवि, आलोचक एवं वक्ता बशर नवाज का आज औरंगाबाद में निधन हो गया। वह कुछ समय से बीमार थे। हिंदी फिल्म बाजार का बेहद लोकप्रिय गीत ‘करोगे याद’ उन्होंने ही लिखा था।
उर्दू उपन्यासकार अब्दुल्ला हुसैन का निधन

उर्दू उपन्यासकार अब्दुल्ला हुसैन का निधन

पाकिस्तान के जाने माने उर्दू उपन्यासकार अब्दुल्ला हुसैन का लाहौर में निधन हो गया। हुसैन अपनी किताब उदास नस्लें के लिए जाने जाते थे। वह 84 वर्ष के थे।
एयरटेल ने किया चीन के बैंकों से ढाई अरब डॉलर ऋण समझौता

एयरटेल ने किया चीन के बैंकों से ढाई अरब डॉलर ऋण समझौता

भारती एयरटेल ने शनिवार को कहा कि उसने चीन के दो वित्तीय संस्थानों- चाइना डेवलपमेंट बैंक और इंडस्ट्रीयल एंड कामर्शियल बैंक ऑफ चाइना से ढाई अरब डॉलर के ऋण के लिए समझौते किए हैं।
हिंदी व्रत और उर्दू रोजा वालों की हो गई

हिंदी व्रत और उर्दू रोजा वालों की हो गई

हाल ही में दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान शायर और फिल्म लेखक जावेद अख्तर ने श्रोताओं से रूबरू होते हुए कई राज जाहिर किए। उन्होंने बताया कि उन्होंने 1976 तक उन्होंने शायरी शुरू नहीं की थी। उस वक्त वह 31 वर्ष के थे, जबकि इस उम्र में लोग शायरी कर चुके होते हैं। 12 वर्ष की उम्र तक उन्हें सैकड़ों और 15 वर्ष की उम्र तक उन्हें लाख से ज्यादा शेयर याद थे। वह अपने को खुशकिस्मत मानते हैं क्योंकि लखनऊ में अपने ननिहाल में उन्हें अपने मामा मजाज साहब समेत उस दौर के तमाम नामी शायरों का साथ मिला, जिनके साथ वह बच्चों की तरह रहे।
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