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Search Result : "किशोर उपाध्याय"

सुशील मोदी का 'पीके' पर व़ार, 9.31 करोड़ खर्च हुए पर बिहार में 'विजन' नहीं दिखा

सुशील मोदी का 'पीके' पर व़ार, 9.31 करोड़ खर्च हुए पर बिहार में 'विजन' नहीं दिखा

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर 'पीके' पर हमला किया है। मोदी ने कहा कि मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के परामर्शी और बिहार विकास मिशन के शासी निकाय के सदस्य प्रशांत किशोर अगर राज्य में अपने कामों के प्रति न्याय नहीं कर पा रहे हैं, तो उन्हें अपने पदों से इस्तीफा दे देना चाहिए।
आरएसएस से जुड़ा भारतीय मजदूर संघ करेगा जीएसटी का विरोध

आरएसएस से जुड़ा भारतीय मजदूर संघ करेगा जीएसटी का विरोध

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध एक प्रमुख संगठन भारतीय मजदूर संघ ने कहा है कि वह उत्पाद एवं सेवा कर (जीएसटी) का विरोध करेगा क्योंकि इससे आम लोगों पर अतिरिक्त भार पड़ेगा। हालांकि भाजपा नीत राजग सरकार ने जीएसटी को ऐतिहासिक और सबसे महत्वपूर्ण कर सुधार बताया है।
महिला की हत्या के प्रयास के आरोप में आप विधायक अमानतुल्ला गिरफ्तार

महिला की हत्या के प्रयास के आरोप में आप विधायक अमानतुल्ला गिरफ्तार

एक महिला की हत्या का प्रयास करने के आरोप में पुलिस ने दिल्ली के ओखला विधानसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्ला खान को गिरफ्तार किया है। अमानतुल्ला आम आदमी पार्टी के दसवें विधायक हैं जिन्हें किसी आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
पीके को सोनिया की फटकार, अब आजाद को करेंगे रिपोर्ट

पीके को सोनिया की फटकार, अब आजाद को करेंगे रिपोर्ट

ऐसा लगता है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के रणनीतिकार प्रशांत किशोर के बुरे दिन शुरू हो गए हैं। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी उनसे नाराज हैं और हाल ही में उन्होंने पीके को बुलाकर फटकार लगाई है और उन्हें साफ निर्देश दिया है कि आगे से उत्तर प्रदेश के मसलों पर वे राज्य में पार्टी के प्रभारी महासचिव गुलाम नबी आजाद को रिपोर्ट करेंगे।
समय से पहले बहरे हो सकते हैं आज के किशोर : शोध

समय से पहले बहरे हो सकते हैं आज के किशोर : शोध

आज के किशोर टिनीटिस (कान में लगातार गूंजती आवाज) की समस्या से जूझ रहे हैं। यह बहरेपन का लक्षण होता है। एक नए अनुसंधान में पता चला है कि इन लक्षणों को प्रारंभिक चेतावनी के तौर पर लेना चाहिए क्योंकि इनका सामना कर रहे युवाओं को बहरेपन का गंभीर खतरा है।
कांग्रेस की त्रिमूर्ति संभालेगी उप्र चुनाव

कांग्रेस की त्रिमूर्ति संभालेगी उप्र चुनाव

अगले वर्ष होने वाले उत्तर प्रदेश चुनावों में कांग्रेस के प्रचार की कमान मुख्य़तौर पर प्रियंका गांधी , दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और कांग्रेस महासचिव गुलाम नबी आजाद के हवाले रहेगी। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार उत्तर प्रदेश और पंजाब चुनावों में पार्टी के रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने सुझाव दिया था कि वह चाहते हैं कि कांग्रेस की ओर से इस त्रिमूर्ति को उत्तर प्रदेश के चुनावी रण में प्रचार के लिए उतारा जाए। प्रशांत के अनुसार चूंकि भौगोलिक दृष्टि से उत्तर प्रदेश काफी बड़ा राज्य है इसलिए इलाहाबाद और उसके आसपास की कमान प्रियंका गांधी, लखनऊ और उसके आसपास की कमान शीला दीक्षित के हवाले रहेगी। गुलाम नबी आजाद पूरे राज्य में घूमेंगे। उनके पास अल्पसंख्यक समुदाय को रिझाने का जिम्मा भी रहेगा। सूत्रों का कहना है कि पार्टी हाईकमान ने उनके इस सुझाव हो हरी झंडी दे दी है।
प्रियंका गांधी करेंगी उत्तर प्रदेश  में 200 जनसभाएं

प्रियंका गांधी करेंगी उत्तर प्रदेश में 200 जनसभाएं

कांग्रेस पार्टी के लगातार आग्रह के बाद प्रियंका गांधी ने यू पी विधानसभा चुनाव में पार्टी की सफलता के लिए करीब 200 सभाओं को संबोधित करने के लिए स्वीकृति दे दी है।
‘आप साबित करे कि गिरि ने पत्र लिखा तो वे इस्तीफा दे देंगे’

‘आप साबित करे कि गिरि ने पत्र लिखा तो वे इस्तीफा दे देंगे’

भाजपा ने आज कहा कि पार्टी सांसद महेश गिरि त्यागपत्र दे देंगे, अगर ये साबित हो जाए कि उन्होंने एनडीएमसी अधिकारी एमएम खान के बारे में उपराज्यपाल नजीब जंग को कोई पत्र लिखा था।
नए विधायकों के लिए इंटर्नशिप था संसदीय सचिव पद

नए विधायकों के लिए इंटर्नशिप था संसदीय सचिव पद

1937 में जब पहली बार कांग्रेस-लीग के समझौते के बाद उत्तर प्रदेश में पहली कांग्रेस सरकार चुनकर आई तो नेहरू जी मंत्रिमंडल में लीग को स्थान देने के लिए तैयार नहीं हुए थे। जिसके फलस्वरूप देश के विभाजन की नींव रखी गई थी। मेरा उद्देश्य इस सवाल को उठाना नहीं है। उससे कई और सवाल जुड़े हैं। मैं यहां संसदीय सचिव (पार्लियामेंन्ट्री सेक्रेट्री) के पद के इतिहास के बारे में बात करना चाहता हूं। यह पद ब्रिटिश सरकार की परंपरा का हिस्सा है। मैंने कहीं पढ़ा था चर्चिल भी शायद पहले संसदीय सचिव ही हुए थे। सन 1937 में जब पंडित गोविंद वल्लभ पंत के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार बनी थी तो वह मुख्यमंत्री बने थे और विजय लक्ष्मी पंडित मंत्री बनी थीं। यदि संसद सचिवों की बात की जाए तो चौधरी चरण सिंह (जो प्रधानमंत्री बने), चंद्रभानु गुप्त (चार बार मुख्यमंत्री बने और कांग्रेस के कद्दावर नेता थे), आचार्य जुगल किशोर (1947 में आजादी के वक्त कांग्रेस के जनरल सेक्रेट्रियों में थे) समेत कई संसदीय सचिव थे। उसके बाद भी संसदीय सचिव की परंपरा मंत्रिमंडल का अंग रही। मैं स्मृति से लिख रहा हूं। केंद्र में भी यह पद था। प्रदेश में कई बड़े नेताओं ने संसदीय सचिव के पद से अपना करिअर आरंभ किया था जिनमें बाबू बनारसी दास (मुख्यमंत्री रहे), हेमवतीनंदन बहुगुणा (पूर्व मुख्यमंत्री, कैलाश प्रकाश पूर्व. शिक्षा मंत्री) आदि सम्मिलित हैं।
पीके के हसीन प्रस्ताव ने बिछाए कांटे

पीके के हसीन प्रस्ताव ने बिछाए कांटे

पीके17 यानी प्रशांत किशोर 2017 के तारणहार बनकर केवल कांग्रेसियों को टिकट के सपने ही नहीं दिखा रहे बल्कि चीफ मिनिस्टर की कुर्सी के प्रस्ताव लेकर बीजेपी के नेताओं के पास भी जा रहे हैं। पीके महाराज की इस पहल से वरिष्ठ कांग्रेस नेता ही नहीं गांधी परिवार के सदस्य भी नाराज हैं।
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