केंद्र सरकार ने महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए रियल एस्टेट से जुड़े विधेयक को मंजूरी प्रदान कर दी है। इसके अलावा सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता छह फीसदी बढ़ा दिया है। इससे कर्मचारियों का कुल महंगाई भत्ता 11.3 प्रतिशत हो जाएगा।
पटना के बहादुर ब्लास्ट मामले में अब तक पुलिस और एटीएस को जो जानकारी मिली है उससे एक बात तो साफ हो गई है कि इस ब्लास्ट के तार झारखंड से जुड़े हैं और इसमें प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट आॅफ इंडिया से है।
कालाधन और विदेशों में रखी अवैध संपत्ति का पता लगाने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को एक विधेयक के मसौदे को मंजूरी दे दी जिसमें इस तरह का अपराध करने वाले को दस साल तक के कठोर कारावास की सजा देने सहित कई कड़े प्रावधान किए गए हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मंत्रिमंडल और आप की राजनीतिक मामलों की कमेटी में एक भी महिला क्यों नहीं हैं? नारीवादी ऐक्टिविस्ट और भारत की कम्यूनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) की पोलित ब्यूरो सदस्य कविता कृष्णन ने यह सवाल उठाकर केजरीवाल को घेरने की कोशिश की है।
बिहार के मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी को पटना उच्च न्यायालय ने झटका देते हुए कहा कि बहुमत साबित करने तक कोई नीतिगत फैसला नहीं ले सकते। मांझी को 20 फरवरी को बहुमत साबित करना है और वह लगातार लोकलुभावन फैसला ले रहे हैं।
अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले ली है। उनके साथ छह और मंत्रियों ने शपथ ली। लेकिन हैरानी की बात यह है कि उनकी कैबिनेट में आधी आबादी का प्रतिनिधित्व करने वाली एक भी महिला मंत्री नहीं है।
विश्व की 85 प्रतिशत ऑनलाइन आबादी ऑनलाइन खरीदारी का अनुभव पा चुकी है जबकि पिछले दो वर्षों के दौरान यह खरीदारी 40 प्रतिशत बढ़ी है। इंटरनेट के जरिये खरीदारी में भारत अब भी यूरोपीय और दक्षिण कोरिया जैसे देशों से बहुत पिछड़ा है। लेकिन अच्छी बात यह है कि यहां के दूसरे और तीसरे दर्जे के शहरोंं मेंं ऑनलाइन कारोबारियोंं का 50 प्रतिशत से अधिक का कारोबार बढ़ा है क्योंकि इन शहरोंं मेंं मोबाइल पर इंटरनेट का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है। फ्लिपकार्ट का कहना है कि एक साल पहले तक मोबाइल से खरीद-बिक्री का ऑनलाइन कारोबार 10 प्रतिशत तक ही था जो अब बढक़र 50 प्रतिशत हो गया है। मजे की बात यह है कि स्मार्टफोन के बढ़ते चलन और सस्ते डाटा प्लान ने मझोले और छोटे शहरोंं मेंं ऑनलाइन खरीदारी को पंख लगा दिए हैं और इसकी पहुंच अब उपभोक्ता उत्पादोंं से लेकर रोजमर्रा की जरूरत वाली वस्तुओंं (एफएमसीजी) तक पहुंच चुकी है।