केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने स्टिंग ऑपरेशन से संबंधित अपनी जांच के तहत मंगलवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत से पूछताछ की। स्टिंग में वह कथित तौर पर कुछ असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों को प्रभावित करने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं।
सीबीआई ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत से जुड़े स्टिंग आॅपरेशन की जांच के सिलसिले में आज उनसे पूछताछ की। रावत कुछ समर्थकों और एक विधायक के साथ आज पूर्वान्ह 11 बजे सीबीआई मुख्यालय पहुंचे।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भले ही राज्य की कमान संभाल ली हो लेकिन उनके सामने कई चुनौतियां हैं। सबसे बड़ी चुनौती स्टिंग प्रकरण को लेकर है जिसकी जांच सीबीआई कर रही है।
उत्तराखंड में शक्ति परीक्षण के पहले एक और स्टिंग ने राजनीति में सनसनी फैला दी है। सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में 10 मई को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होना है। इसको ध्यान में रखते हुए कांग्रेस और भाजपा हर तरह के प्रयास कर रही है ताकि विधानसभा में उनको बहुमत मिल जाए।
जम्मू कश्मीर में बुनियादी ढांचा विकसित करने में सेना का महत्वपूर्ण योगदान है। सेना लगातार राज्य को प्रगति और समृद्धि की ओर ले जाने के लिए प्रयत्नशील है। उग्रवाद से प्रभावित लोगों की स्थिति सुधारने के लिए चलाए गए आपरेशन सद्भावना के तहत सेना, लोगों को आत्मनिर्भर बनने और जिंदगी को नए सिरे से जीने के आत्मविश्वास से लबरेज़ बनने में मदद दे रही है।
साल 2012 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बाहुबली नेता डीपी यादव को समाजवादी पार्टी में लेने से इनकार कर दिया था। उसके बाद ही प्रदेश में ऐसा माहौल बना कि अखिलेश पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आए।
सीबीआई ने स्टिंग जांच के सिलसिले में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को समन भेजा है। जानकारी के अनुसार, विधायकों की खरीद फरोख्त से संबंधित स्टिंग ऑपरेशन केस में सीबीआई ने हरीश रावत को समन भेजा है।
बागी विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त में खुद की संलिप्तता दिखाने वाली स्टिंग सीडी को अब तक फर्जी और गलत बताने वाले उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आज उसमें अपनी मौजूदगी को मान लिया। हालांकि उन्होंने कहा कि यह सब भाजपा के आपराधिक षड़यंत्र का हिस्सा था और वह जेल जाने को तैयार हैं।