सीबीआइ द्वारा दर्ज एफआइआर के मुताबिक, घूस को छिपाने के लिए मानस पात्रा पहले इस रकम को अपने एकाउंट में जमा कर लेता था। बाद में उस रकम को मल्होत्रा की पत्नी के बैंक एकाउंट में ट्रांसफर कर देता था।
कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सी.एस. कर्णन ने आज उच्चतम न्यायालय से अनुरोध किया कि उन्हें न्यायालय की अवमानना का दोषी ठहराने वाला आदेश वापस लिया जाए। शीर्ष अदालत ने नौ मई को अवमानना के मामले में न्यायमूर्ति कर्णन को छह महीने की जेल की सजा सुनाने के साथ ही उनकी तत्काल गिरफ्तारी का आदेश दिया था।