राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि भारत आपसी लाभ के लिए इस्राइल के साथ साझेदारी बढ़ाने को उत्सुक है और दोनों देशों को वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि भारत को गृह और साइबर सुरक्षा समेत विभिन्न क्षेत्रों के विकास की जरूरत है जिनमें इस्राइल ने अपनी क्षमताएं साबित की हैं।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नई दिल्ली में भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले के 36वें संस्करण का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होने कहा कि भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला नए भारत का एक विशाल आयोजन है, जो बहुत तेजी से आकार ले रहा है।
देश में शहर की मध्यमवर्ग की महिलाओं को शहरी गरीब और ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के मुकाबले हार्ट की बीमारी होने की अधिक संभावना है। एक अध्ययन से यह निष्कर्ष सामने आया है। अध्ययन ने साफ संकेत दे दिए हैं कि शहरीकरण हार्ट की बीमारी की एक मुख्य वजह हो सकता है।
इजरायल के राष्ट्रपति रियुवेन (रुवि) रिवलिन अगले सप्ताह भारत की यात्रा पर आएंगे। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के आमंत्रण पर आ रहे रिवलिन की यह यात्रा पिछले 20 सालों के दौरान किसी इजरायली राष्ट्रपति की पहली आधिकारिक भारत यात्रा होगी।
साहित्य अकादेमी, दिल्ली के प्रवासी मंच कार्यक्रम में अरुणा सब्बरवाल ने अपनी कहानी उडारी का पाठ किया। चर्चा में वक्ताओं की आम राय थी कि यह औरतों के जीवन में आए खुलेपन की कहानी है। ज्यादातर पसंद आई कहानी पर यह भी कहा गया कि लंदन में विवाहेतर और अकेली महिलाओं के संबंधों को जो पारिवारिक-सामाजिक मान्यता है, वह दिन भारत के लिए अभी दूर है।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के खिलाफ दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में दीवानी मुकदमा दाखिल हुआ है। इसमें प्रणब मुखर्जी की किताब ‘टरबुलेंट इयर्स 1980-1996’ के कुछ अंशों पर आपत्ति जताते हुए उन्हें किताब से हटाए जाने की मांग की गई है। इन अंशों में राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद के संबंध में टिप्पणियां हैं।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नेपाल की अपनी यात्रा को तीर्थयात्रा बताते हुए शांति चाहने वाले भारत और नेपाल के लोगों के लिए पशुपतिनाथ मंदिर, वाराणसी और रामेश्वरम के महत्व को रेखांकित करते हुए दोनों देशों के बीच पुराने सांस्कृतिक संबंधों का उल्लेख किया।
नेपाल की यात्रा पर आए राष्टपति प्रणब मुखर्जी ने बागमती नदी के किनारे बने पांचवीं सदी के प्रसिद्ध हिंदू तीर्थस्थल पशुपतिनाथ मंदिर में आज यहां विशेष पूजा की।
पूरी दुनिया के हाशिए पर के बच्चों के लिए समाज के ऐसे तबके ने आवाज उठाने का फैसला किया है जिनकी अपनी खास पहचान है। अलग-अलग क्षेत्रों में उत्कृष्टतम कार्य के लिए दुनिया के सर्वोच्च सम्मान नोबेल पुरस्कार से नवाजे गए ये लोग एक मंच पर आकर समाज के इस वंचित तबके के हक की न सिर्फ आवाज उठाएंगे बल्कि इनके लिए कुछ ठोस करने का भी प्रयास करेंगे।