इक आग का दरिया है बांसुरी
मशहूर बांसुरीवादक पंडित रानेंद्र (रोनू) मजूमदार ने हाल ही में सिर्फ बच्चों के लिए एक म्यूजिक ऐलबम निकाला है। पांच हजार से ज्यादा दफा अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुति दे चुके रोनू मजूमदार का कहना है कि संगीत के क्षेत्र में अब वह सिर्फ बच्चों के लिए काम करना चाहते हैं ताकि अगली पीढ़ी इस विरासत को संभाल सके। वाराणसी में जन्मे मजूमदार वर्ष 1974 से मुंबई में रह रहे हैं। बांसुरी में इनके पहले गुरू इनके पिता डॉ. भानू मजूमदार थे, जो शौकिया बांसुरी बजाते थे।
आउटलुक ने उनसे बात की।