एक धीमी सी याद उनकी मुंदी आंखों के नीचे अंधेरे की गाढ़ी परत बिछी हुई थी। सरकारी अस्पताल के उस आईसीयू में गुजरे जमाने के मशहूर गवैए उस्ताद इकराम मुहम्मद खान को उनकी जिंदगी आखरी सलामी देने की तैयारी कर रही थी। JAN 30 , 2015
भाषा का संगीत और पाज ओक्ताविओ पाज मेक्सिकन भाषा के नामी कवि रहे हैं। भारत से उनका अनोखा संबंध रहा है। उनकी जन्मशताब्दी वर्ष में उन्हें याद करते हुए DEC 18 , 2014