नोटबंदी के बाद नकदी की तंगी को देखते हुये सरकार डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने को लिये डेबिट और क्रेडिट कार्ड से 2,000 रुपये तक के लेनदेन को सेवाकर से मुक्त कर सकती है।
देश के कई हिस्सों में नोटबंदी की आड़ में खाने-पीने की आवश्यक वस्तुओं को लेकर अफवाह का बाजार गर्म कर नाजायज फायदा उठाने की कोशिशें शुरू हो गई हैं। शुक्रवार की शाम को राजधानी दिल्ली समेत कई राज्यों में नमक को लेकर अफवाह फैली जिसके बाद दुकानों से 300 से 400 रुपये प्रति किलो तक नमक बेचे गए।
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने आज कहा कि प्रस्तावित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था के तहत कर की कई दरें रखना घातक होगा और यह पुराने वैट को नए आकार में पेश करने के अलावा और कुछ नहीं होगा।
सरकार की एक अप्रैल से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने की योजना के साथ राजस्व विभाग के समक्ष 60,000 फील्ड अधिकारियों को प्रशिक्षण देने की एक बड़ी चुनौती है। विभाग अब तक केवल 3,074 कर्मियों को ही जरूरी प्रशिक्षण उपलब्ध करा पाया है।
जीएसटी काउंसिल का गठन तय होने के बाद वस्तु एवं सेवाकर की सबसे ऊंची दर पर खींचतान निश्चित होगी। जीएसटी की अधिकतम दर क्या होगी, यह तय करने का काम काउंसिल का है और राज्य व केंद्र विपक्ष की 18 फीसदी की मांग पर सहमत होंगे, इसकी कोई उम्मीद फिलहाल नहीं दिख रही है।
मंत्रिमंडल ने वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) परिषद के गठन को आज मंजूरी दे दी। परिषद जीएसटी प्रणाली के लिये कर की दर तय करेगी। जीएसटी प्रणाली के एक अप्रैल 2017 से लागू होने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सरकार के आधिकारिक प्रवक्ता ने ट्विटर पर कहा कि जीएसटी परिषद में वित्त मंत्री अरुण जेटली, राजस्व प्रभार वाले वित्त राज्य मंत्री और राज्यों के वित्त मंत्री शामिल होंगे।
स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर रविवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्र को संबोधित किया। अपने संबोधन में न्याय, स्वतंत्रता, समता और भाईचारे के चार स्तंभों पर निर्मित लोकतंत्र को मजबूती से आगे बढ़ाने पर जोर देते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे राष्ट्रीय चरित्र के विरुद्ध कमजोर वर्गों पर हुए हमले पथभ्रष्टता हैं, जिससे सख्ती से निपटने की आवश्यकता है। राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में हाल ही में पारित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक का भी जिक्र किया।
राज्यसभा में बुधवार को बहुप्रतीक्षित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक पारित हो गया। जीएसटी से संबंधित संविधान संशोधन विधेयक के पारित हो जाने से देश में नई परोक्ष कर प्रणाली का मार्ग प्रशस्त हो गया।