सुरेश प्रभु ने सुझाव दिया है कि कुछ ट्रेनों के नाम साहित्यकारों के नाम पर रखे जाएं। इसमें न सिर्फ लेखक को, बल्कि वह जिस इलाके का है उसे भी तरजीह दी जाएगी।
साहित्य अकादेमी, दिल्ली ने अपने महत्वपूर्ण ‘भाषा सम्मान’ के लिए वेद-वेदांगों, महाभारत आदि पुरा महाकाव्यों के विद्वान प्रो. मधुकर अनंत मेहेंदले और डॉ. अमृत सोमेश्वर का चयन किया है। वर्ष 1996 में शुरू हुआ यह सम्मान तीन दशक पूरा कर चुका है।
साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली के सभागार में कल की शाम तब एक यादगार शाम बन गई जब अकादेमी ने जीवित किंवदंती बने हिंदी के शीर्षस्थ आलोचक नामवर सिंह को महत्तर सदस्यता का अपना सर्वोच्च सम्मान अर्पित किया। अध्यक्ष और सचिव के संयुक्तरूप से शाल व ताम्र-पत्र आदि वयोवृद्ध आलोचनाविद् सिंह को सौंपते ही अनेक आंखों/चेहरों के खिलने के साथ हाल तालियों से गूंज उठा।