गोरखपुर के बाद अब राजस्थान में बच्चों की मौत का मामला सामने आया है। यह मामला बांसवारा के महात्मा गांधी अस्पताल का है, जहां करीब 51 दिनों में 81 नवजात शिशुओं की मौत हो गई है।
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर पीके सिंह ने बताया कि इस साल जनवरी से अब तक इंसेफेलाइटिस, एनआईसीयू तथा सामान्य चिल्ड्रन वार्ड में कुल 1250 बच्चों की मौत हो चुकी है।
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और छत्तीसगढ़ के अस्पताल में बच्चों की मौत की खबर से अभी हम उबरे ही नहीं थे कि अब जमशेदपुर के अस्पताल में एक साथ कई बच्चों की मौत ने चौंका दिया है।
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर त्रासदी का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के अंबेडकर अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई रुकने से तीन बच्चों की मौत हो गई।
उत्तर प्रदेश के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत की घटना पर जहां शासन-प्रशासन सवाल-जवाब में उलझा है, वहीं एक डॉक्टर पीड़ित बच्चों को बचाने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा रहा है।
यह अस्पताल प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद में आता है। मौत का कारण पूरी तरह स्पष्ट नहीं है। ऑक्सीजन की कमी या इंसेफलाइटिस की वजह से मौत की संभावना जताई जा रही है।
राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर किसान मुक्ति संसद में आत्महत्या कर चुके महाराष्ट्र के किसानों के बच्चों ने अपनी पीड़ा को एक नाटक के जरिए सबके सामने रखा।