प्रवासी भारतीय सम्मेलन में हिस्सा लेने बेंगलुरु पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने संबोधन में कहा कि विदेशों में भारतीयों की सुरक्षा हमारी टॉप प्रायोरिटी है। हम पासपोर्ट का रंग नहीं खून का रिश्ता देखते हैं।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पिछले साल जुलाई में कश्मीर में गिरफ्तार किए गए पाकिस्तानी नागरिक बहादुर अली पर लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम करने और दिल्ली समेत विभिन्न स्थानों पर हमला करने की साजिश रचने के आरोप में उसके खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है।
केंद्र सरकार ने देश में पंजीबद़़ध 33 हजार एनजीओ में से 20 हजार के एफसीआरए लाइसेंस निरस्त कर दिए हैं। अब सिर्फ 13 हजार एनजीओ ही कानूनी तौर पर मान्य होंगे। फारेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट लाइसेंस निरस्त होने का मतलब ये हुआ कि ये एनजीओ अब विदेश से चंदा नहीं ले सकेंगे। यह फैसला होम मिनिस्ट्री ने लिया है। दिसंबर की शुरुआत में ही इन 13 हजार एनजीओ के लाइसेंस ऑनलाइन प्रोसीजर से रिन्यू किए गए थे।
सभी के लिए एक कानून यानी समान नागरिक संहिता पर विधि आयोग को 30 हजार से ज्यादा सुझाव मिले हैं। आयोग ने परामर्शपत्र जारी कर 16 सवालों पर जनता की राय मांगी थी जिसमें मुस्लिमों में प्रचलित तीन तलाक और बहु विवाह भी शामिल था। विधि आयोग प्राप्त जवाबों को सारिणीबद्ध कर रहा जिसके बाद उनका अध्ययन और आगे की प्रक्रिया होगी।
सरकार देश के ढांचागत क्षेत्र के विकास के लिये जरूरी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में वर्ष 2016 में किये गये सुधारों के आधार पर एफडीआई प्रवाह अगले साल भी बेहतर रहने की उम्मीद कर रही है। इस वर्ष जनवरी से सितंबर के दौरान एफडीआई प्रवाह 21 प्रतिशत बढ़कर 32.18 अरब डालर रहा।
पीएम नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के बाद राजधानी दिल्ली स्थित कई देशों के दूतावासों काेे नकदी संकट का सामना करना पड़ रहा है। रूस के बाद नकद निकासी सीमित करने को लेकर कई देशों के दूतावासों ने नाखुशी जताई है। उन्होंने इसे विएना कंवेंशन का गंभीर उल्लंघन बताया है।
चीन की अपनी मुद्रा युआन के वैश्वीकरण की योजना को झटका लगा है। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के विदेशी मुद्रा भंडार में भारी गिरावट आई है और उसकी मुद्रा का मूल्य घटा है।
भारत में अप्रैल 2000 से सितंबर, 2016 तक 300 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आया है। इससे पता चलता है कि भारत वैश्विक आर्थिक संकट के बीच सुरक्षित निवेश गंतव्य के रूप में उभरा है। इसमें से करीब 33 प्रतिशत एफडीआई भारत में मॉरीशस के रास्ते आया है। इसके पीछे अहम कारण भारत का मॉरीशस के साथ दोहरा कराधान बचाव करार होने का फायदा उठाना हो सकता है।