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समाज मानते नहीं पर रचते हैं ‘इश्क की दुकान बन्द है’  के लेखक

समाज मानते नहीं पर रचते हैं ‘इश्क की दुकान बन्द है’ के लेखक

युवा लेखक नरेन्द्र सैनी की पहली पुस्तक ‘इश्क की दुकान बन्द है’ के लोकार्पण के बाद कहा कि इसमें हमारे समाज के मौजूदा यथार्थ को चित्रित किया गया है। संग्रह की कहानियों में पुरुष पात्र ज्यादा भावुक हैं। एक लेखक के रूप में मेरी कोशिश रही है कि कैरक्टर मुझे साथ लेकर चले, मैं कैरक्टर को साथ लेकर नहीं चलता हूँ।
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